एक तरफ जहाँ पूरे देश में UPSC में सफलता हासिल करने वालो को बधाईया दी जा रही थी, पूरा देश गर्व से ऊँचा हो रहा था तो दूसरी तरफ एक घर मे मातम छा गया, दरअसल मध्य दिल्ली के राजेंद्र नगर में शुक्रवार रात UPSC की एक 25 वर्षीय छात्रा अपने किराए के मकान में लटकी मिली। पुलिस ने कहा कि उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की रहने वाली Akanksha Mishra रविवार को दिल्ली में प्रारंभिक परीक्षा देने जा रही थी।
पुलिस के मुताबिक, उन्हें घटना के संबंध में देर रात फोन आया। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
DSP Central Shweta Chauhan ने कहा, “हमने पाया कि आकांक्षा यूपीएससी की उम्मीदवार थी। वह अपने कमरे के अंदर पंखे से लटकी मिली थी। प्रथम दृष्टया, गर्दन पर संयुक्ताक्षर के निशान के अलावा कोई अन्य बाहरी चोट नहीं थी। उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।” पुलिस को घटना में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है।
शनिवार को महिला के परिवार को शहर बुलाया गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए आरएमएल अस्पताल भेज दिया गया। रिपोर्ट का इंतजार है ।
परिवार के बयान के मुताबिक, Akanksha जून में यूएसपीसी परीक्षा और अन्य प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली आई थी। वह पिछले शनिवार को ओल्ड राजिंदर नगर चली गई थी। उसके परिवार ने कहा कि वह बहुत ‘परीक्षा के दबाव’ में थी और उसे उसकी मौत के पीछे का कारण होने का संदेह था। उन्होंने अभी तक किसी पर आरोप नहीं लगाया है।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि Akanksha को आखिरी बार शुक्रवार को सुबह 11 बजे काम पर जाने से पहले उसके फ्लैट मेट ने देखा था। उस रात बाद में आकांक्षा ने दरवाजा नहीं खोला तो फ्लैट वाले ने मकान मालिक और पुलिस को फोन कर दिया। मौके पर क्राइम टीम को जांच के लिए बुलाया गया।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 174 (प्राकृतिक मौत पर जांच) के तहत मामले में जांच की कार्यवाही शुरू कर दी है। और ये पहला मामला नही है कि किसी छात्रा ने ये बड़ा कदम उठाया है, हमारे देश में मानो तो ये काफी आम सी बात हो गई है, हर साल बड़ी मात्रा मे ऐसे केसेस देखने को मिलता है।
केवल यही नही हमारे देश में कई सरकारी विभाग जैसे कि पुलिस या आर्मी से लोग सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठा लेते है, हर साल, एचआईवी, मलेरिया या युद्ध और हत्या से अधिक लोग आत्महत्या के परिणामस्वरूप मरते हैं।
आगे अगर बात करे तो 15-29 आयु वर्ग के युवाओं में, आत्महत्या सड़क पर चोट, तपेदिक और पारस्परिक हिंसा के बाद मौत का चौथा प्रमुख कारण होता है।
देशों, क्षेत्रों और पुरुषों और महिलाओं के बीच दरें भिन्न होती हैं।
By: Ankita kumari
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