भारत कोरोना महामारी जैसी आपदाओं से अभी सही से निकला नहीं कि धर्म के आधार पर राजनीति तेज हो गई है विशेष समुदाय के धार्मिक संगठन हर त्यौहार को राजनीति का अखाड़ा बना कर रख दिया है।
एबीवीपी ने अजान के मुकाबले 21 चौराहे पर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा बजाने की अलीगढ़ प्रशासन से इजाजत मांगी और कुछ कार्यकर्ताओं ने तो अपने घरों पर लगा लिया और बजाना शुरू कर दिया।
एडीएम सिटी अलीगढ़ के मुताबिक हमारे पास इन्होंने 2 दिन पहले ज्ञापन देकर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा चलाने की इजाजत मांगी थी इस मसले पर हमारी उच्च अधिकारियों से बात हुई जो कि प्रशासन ने सख्ती से मना कर दिया उन्होंने कहा कि यह नई परंपरा शुरू नहीं होने देंगे क्योंकि आज इस जिले से बात निकल के कई जिलों तक जाएगी।
अलीगढ़ प्रशासन ने कहा हमके मसला बातचीत से सुलझा लेंगे अगर किसी ने गलत गतिविधि करने की कोशिश की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वैसे आपको बता दें अज़ान दिन में 5 मर्तबा होती है, एक बार की अजान 2 मिनट की है तो पांचों वक्त की मिला दे तो 24 घंटे में टोटल 10 मिनट की अज़ान है।
2009 मैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अगर देश में राम मंदिर का फैसला आ जाएगा तो देश में मुसलमानों को लेकर हर विवाद खत्म हो जाएगा और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राम मंदिर बन रहा है लेकिन हालत बद से बदतर हुई है क्योंकि पहले लोग त्योहारों में खुशियां बांटते थे पर आज लोग त्योहारों के नाम पर डरते हैं।
हम सबको सोचने की जरूरत है कि त्यौहार को राजनीतिक करण कराना कितना समाज के लिए फायदेमंद होगा और कितना नुकसान?