अलीगढ़, 13 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैनेडी हॉल में अली दिवस समारोह के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में इस्लामिक विद्वानों और कवियों ने हजरत अली इब्ने अबी तालिब के जीवन और शिक्षा पर चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि हजरत अली की शिक्षाओं ने कई विचारकों और वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। उनकी बुद्धि क्षमता और ज्ञान का अपार भंडार था।
वह एक रोल मॉडल हैं, और उनका चरित्र और नैतिकता बताती है कि चुनौतीपूर्ण समय से कैसे निपटा जाये। उन्होंने भविष्य में भी अली दिवस मनाने में हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रोफेसर अब्बास अली मेहदी (पूर्व कुलपति, एरा विश्वविद्यालय, लखनऊ और प्रमुख, जैव रसायन विभाग, केजीएमयू, लखनऊ) ने चिकित्सा विज्ञान के प्रकाश में हजरत अली के निर्णयों का वर्णन किया और उन्हें एक महान दूरदर्शी बताया।
कवियों में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर नशीर नकवी (उर्दू, फारसी और अरबी, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के पूर्व विभागाध्यक्ष) और श्री नजीर बाकरी ने हजरत अली की प्रशंसा में मनकबत प्रस्तुत किया।
हजरत अली के व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए अतिथि वक्ता मौलाना अहमद हबीब मूसा अल हुसैनी (संस्थापक, अल-हिदाया फाउंडेशन) ने कहा कि हजरत अली की विलायत अल्लाह और पैगंबर मुहम्मद की विलायत की निरंतरता थी। उन्होंने हजरत अली के गुणों का वर्णन किया।
मौलाना गुलाम हुसैन मट्टो (पयाम एजुकेशनल एकेडमी, शालिना) ने हजरत अली की नजर में मानवाधिकारों के महत्व का उल्लेख किया और नहजुल बलागा से उनकी व्यावहारिक शिक्षाओं को उद्धृत किया।
इससे पूर्व, प्रो तैयब रजा, संरक्षक, अली सोसाइटी और अध्यक्ष, शिया धर्मशास्त्र विभाग ने अतिथियों का स्वागत किया और हजरत अली के जीवन का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया गया।
अली सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर आबिद अली खान ने अतिथियों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन श्री आरमीश एवं श्री शांशाह हैदर ने संयुक्त रूप से किया।