अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की प्रोफेसर एस चांदनीबी को तमिलनाडु के चोला ऐतिहासिक अनुसंधान संगम द्वारा उनकी पुस्तक ‘कल्वेट्टुकलिल देवदासी‘ के लिए “अरुमुझी पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है।
ज्ञात हो कि यह पुस्तक विशेष रूप से दक्षिणी भारत तथा पूरे देश में देवदासी प्रथा के इतिहास पर एक समीक्षा है।
प्रोफेसर चांदनीबी को तमिलनाडु के तंजौर में आयोजित एक विशेष समारोह में मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, श्री एन किरुबाकरण द्वारा उक्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रोफेसर चांदनीबी की पुस्तक, “कल्वेट्टुकलिल देवदासी” जिसका विमोचन लोकसभा सांसद श्रीमती एम के कनिमोझी द्वारा साहित्य अकादमी, नई दिल्ली में किया गया था, प्राचीन और मध्ययुगीन काल में देवदासियों की असाधारण कहानी के बारे में है।