एएमयू शिक्षक ने मिजोरम विश्वविद्यालय में नैतिकता पर दिया व्याख्यान

अलीगढ़ 5 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर लतीफ हुसैन शाह काज़मी ने मानव संसाधन विकास केंद्र, मिजोरम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘जीवन में नैतिक दर्शन की प्रासंगिकताः एक विश्लेषण’ विषय पर एक आनलाइन व्याख्यान दिया।

अपने व्याख्यान में प्रोफेसर काज़मी ने जीवन में दर्शन के अर्थ, इसकी शाखाओं और अनुप्रयोगों के बारे में बताया। उन्होंने तत्वमीमांसा, ज्ञानमीमांसा, तर्कशास्त्र, सौंदर्यशास्त्र और नैतिकता जैसे दर्शन की मुख्य शाखाओं का संक्षिप्त विवरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं में दर्शन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दर्शन तीन मुख्य क्षेत्रों से संबंधित है- ईश्वर, मनुष्य और ब्रह्मांड और उनके संबंधों को रेखांकित करता है।

प्रोफेसर काज़मी ने बताया कि मानव जीवन में तीन उच्च मूल्य हैं- धार्मिक मूल्य, नैतिक मूल्य और सौंदर्य मूल्य। उनके अनुसार नैतिकता, दर्शन की महत्वपूर्ण शाखाओं में से एक है जो मनुष्य के ‘कार्यों’ और ‘आचरण’ से संबंधित है। यह एक अलग विषय है और इसका इनाम या सजा से कोई लेना-देना नहीं है। यह सही आचरण के मानकों से संबंधित एक ‘प्रामाणिक विज्ञान’ है। हालाँकि, जब नैतिकता किसी धार्मिक व्यवस्था या आस्था का हिस्सा बन जाती है, तभी इनाम और सजा का प्रश्न उठता है। एक आदर्श विज्ञान के रूप में, नैतिकता की उन व्यक्तियों के जीवन में कई भूमिकाएँ होती हैं, जिनमें नैतिक साहस होता है और वे अपनी आंतरिक चेतना के अनुसार ईमानदारी और सच्चाई से कर्तव्यों का पालन करते हैं।

व्याख्यान को मिजोरम विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों और व्याख्यान में भाग लेने वाले अन्य लोगों ने सराहा।

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