AMU Aligarh News : VC पैनल बनाने की मांग, डेढ़ साल से परमानेंट वाइस चांसलर नहीं।
AMUTA Aligarh Muslim University Teacher Association द्वारा एकदिवसीय सांकेतिक धरना।
amu vc news आपको बता दें 6 सितंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के टीचर एसोसिएशन द्वारा सांकेतिक एकदिवसीय धरना का आयोजन हुआ। जिसमें टीचर्स अपने क्लासेस के साथ-साथ धरने स्थल पर भी दिखाई दिए। AMUTA Present Professor Mohammad Khalid ने कहा पूर्व कुलपति का वक्त डेढ़ साल पहले पूरा हो गया था इस हिसाब से मौजूद एक्टिंग वॉइस चांसलर को वीसी पैनल बना देना चाहिए हालांकि एक सांकेतिक धरना देकर संदेश दिया है amu acting vc को अभी vc पैनल बना ले नहीं तो हम लोग अली बिरादर बाद धरना देंगे।
Amu vc panel
AMUTA Secretary Dr Abid Ahmad Siddiqui ने कहा अभी हम लोग साथ में क्लासेस भी ले रहे हैं और सांकेतिक एकदिवसीय धरना भी दे रहे हैं अधिक बिरादर का हक है कि उसको परमानेंट वाइस चांसलर मिले अगर तय समय पर vc पैनल नहीं बनाया गया तो फिर एक बड़ा आंदोलन होगा।
Amuta Joint Secretary डॉ साद बीन जावेद ने कहा acting vc amu का काम है vc panel बनवाएं ताकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक परमानेंट वाइस चांसलर मिल सके।
AMU EC Member Dr Murad Ahmad का कहना है यह हमारा राइट है और सबसे बड़ा सवाल यह है की वीसी पैनल अब तक बन जाना चाहिए और डेढ़ साल से परमानेंट वाइस चांसलर नहीं है यह AMU Act को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है और इसलिए सांकेतिक एकदिवसीय धरना के आयोजन में हम लोग शामिल हुए हैं।
Aligarh Muslim University मैं AMUTA द्वारा सांकेतिक एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया Acting VC AMU PROFESSOR MOHAMMED GULREZ से पूछा गया की साफ-साफ बताएं वाइस चांसलर की पैनल क्यों नहीं बनाई जा रही है क्या इसमें सरकार का हस्तक्षेप है या फिर कोई और मनसा है अगर कुछ वक्त में फैसला नहीं लिया गया तो पूरा अलीगढ़ बिरादर मिलकर रेगुलर वाइस चांसलर की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेगा।
amu acting vc : सबसे बड़ा सवाल AMU Act को क्या कमजोर किया जा रहा है क्या कोई ताकत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक्ट में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है। बीते डेढ़ सालों में कई सवाल निकाल कर आ रहे हैं कि अचानक से पूर्व वाइस चांसलर का टेन्योर बढ़ाना और फिर मौजूदा एक्टिंग वाइस चांसलर का 4 महीने के बाद भी अब तक vc पैनल ना बनाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है जो अलीगढ़ बिरादर मिलकर सोचने पर पर मजबूर है।