20 नवम्बर 2020 से अबतक लगभग 7 माह में रसोई गैस के सिलैंडर की कीमतों में 240 रूपये की वृद्धि हो चुकी है I वर्ष 2014 के मुकाबले वर्तमान समय में गैस सिलैंडर की कीमतें दोगुनी हो गई हैं I गैस की बढ़ी हुई कीमतों के चलते आम जनमानस पीड़ा से करह उठा है इस मूल्य वृद्धि का विरोध करने के लिये आज विवेक बंसल के नेतृत्व में कांग्रेसजनों विशेषकर “महिला शक्ति” ने काफ़ी ज़ोरदार “विरोध प्रदर्शन” किया.
प्रदर्शनकारी जुलुस के रूप में रसोई गैस मूल्य वृद्धि के ख़िलाफ़ स्लोगन लिखे हुए एप्रेन पहनकर हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगते हुए कांग्रेस कार्यालय मैरिस रोड से चलकर भारी सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सैंटर पोइंट समद रोड, स्टेट बैंक, घंटा घर होते हुए कलैक्ट्रेट की ओर बढ़ने लगे I आज ज़िला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होने के कारण विरोध प्रदर्शन जुलुस को तस्वीर महल चौराहे के पास लगी हुई बेरिकेडिंग से आगे नहीं जाने दिया वहां रोके जाने पर प्रदर्शनकारी वहीँ धरना देकर बैठ गए I इस अवसर पर विवेक बंसल ने आंदोलनकारियों व् नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में रसोई गैस व पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतें हमारे देश में काफ़ी बढ़ी हुई हैं जिसके चलते आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू रही हैं और आम नागरिकों को रोटी भी चैन से नसीब नहीं हो रही है लेकिन भाजपा सरकार गूंगी बहरी बनकर इस प्रमुख ज्वलंत समस्याओं से बेखबर है हमने आज रसोई गैस एवं पैट्रोल पदार्थों की मूल्य वृद्धि की आवाज़ इस भाजपा सरकार तक पहुँचाने के लिये ये विरोध प्रदर्शन किया है .
हम सरकार से ये पूछना चाहते हैं भाजपा सरकार के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से ये वादा किया था कि विदेशों में जमा काला धन वापस लायेंगे प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 15 लाख रूपये जमा कराएँगे, बेरोज़गार युवाओं को भरपूर रोज़गार देंगे और किसानों की आय दोगुनी करेंगे I ये बड़े शर्म की बात है कि प्रधानमन्त्री मोदी जी ने ये वादे तो किये थे लेकिन आज उनके शासन को 7 साल का समय बीत चुका है लेकिन उन्होंने अभी तक एक भी वायदा पूरा नहीं किया है I हम डा० मनमोहन सिंह जी के आभारी हैं कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें आजकी अपेक्षा 3 गुनी थीं तब भी उन्होंने पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित रखा.
मैं पुनः उनका आभार व्यक्त करता हूं कि जब पूरा विश्व आर्थिक मंदी से गुज़र रहा था अमेरिका जैसे संपन्न राष्ट्र में लाखों लोगों के रोज़गार चले गए थे लेकिन ये डा० मनमोहन सिंह जी का कुशल नेतृत्व था कि विश्वव्यापी आर्थिक मंदी को उन्होंने देश में पैर फटकने नहीं दिया अन्यथा यदि मोदी जी जैसा शासन होता आज देश के हालात और भी बदतर होते .
इसके बाद कार्यक्रम के समापन पर माननीय राष्ट्रपति जी को संबोधित एक ज्ञापन ए.सी.एम. प्रथम को दिया .
इस अवसर पर प्रमुख कांग्रेसजनों में श्रीमति रूही ज़ुबैरी, माया गुप्ता, विमलेश देवी पार्षद, विजय लक्ष्मी सिंह, शालिनी चौहान, कमलेश देवी, शालिनी शर्मा, शहनाज़ बेगम, शबनम बेगम, अर्चना वधावन, कमलेश देवी, रीता यादव, सुमन सिंह, कृष्णा बहनजी, रजनी गौतम, इमराना बेगम, पुष्प देवी, संतोषी देवी, मुन्नी देवी, उषा गुप्ता, शबाना बनो, आयेशा, राजकुमारी देवी, शारदा देवी, आरती कुमारी, विरमा देवी, रुकमनी, सुधा देवी, ब्रह्मा देवी, ममता देवी, राजकुमारी, गीता देवी, श्यामल देवी, ठाकुर संतोष सिंह एड, बॉबी वसी, साबिर अहमद, शिव कुमार, पन्नालाल सुमन, दिनेश चन्द्र शर्मा, डा० शेरपाल सविता, डा० धर्मेन्द्र, लोधी, बिरजू भाई, राघवेन्द्र राघव, बिजेंद्र सिंह बघेल, चोo वीरेंद्र सिंह, आमिल हुसैन, प्रदीप रावत, शाहिद खान, मोहम्मद ताज मेव, आज़म कुरैशी, मोहम्मद सलमान, अजमेरी मलिक, मुख्तार अहमद, सागर सिंह तौमर, रवेन्द्र कुमार, सतेन्द्र सारस्वत, उज़ैर दिलशाद, मुकेश गुप्ता, आमिर मुन्तज़िर, डा० मुकर्रम अली, हुसैन रज़ा, डा० राकेश सारस्वत, गौरव प्रकाश, सुनील कुमार जाटव, नादिर खान, मोहम्मद अनवार, मोहनलाल पप्पू, इमरान रफीक़, भूदेव प्रसाद, मुबश्शिर अली, अमीरुद्दीन लाला, अशोक कुमार राजपूत, सनी कुमार, आर. के. गौड़, पुलकित पाठक, अंसार खान, रईस अंसारी, डा० कुमरज़मां, महफूज़ उर रहमान, हिमांशु जादौन, आदि के साथ अन्य सैंकड़ों महिलाएं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे .