ग्राम पंचायतो की शिकायत हो या जनसूचना अधिकार के तहत आने वाली अपील की सुनवाई के दौरान जिले के डीपीआरओ जो भी आदेश या निर्णय दें उनके अधीनस्थों को कोई फर्क नहीं पड़ता| आलम यह है कि ग्रामपंचायत स्तर की शिकायतों का मनमाने ढंग से ग्राम पंचायत अधिकारी और एडीओ पंचायत निस्तारण कर रही है|
धनीपुर ब्लॉक के अधीन उखलाना ग्राम पंचायत की सदस्य ने डीपीआरओ अलीगढ और मुख्य विकास अधिकारी अलीगढ को आठ बिन्दुओ पर एक शिकायती पत्र कई बार भेजा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है| उखलाना की ग्राम पंचायत सदस्या का कहना है कि उखलाना ग्राम पंचायत में महिला प्रधान के पति पंचायत में दखल देते है, ग्रामपंचायत और ग्रामसभा की बैठकों में खुद ग्रामप्रधान की कुर्सी पर बैठते है| इतना ही नहीं ग्राम पंचायत के सफ़ेदपुरा में बने सचिवालय भवन में सचिवालय कार्यालय चलने की बजाय उखलाना के पंचायत घर में चला रहे है|
जिसको लेकर ग्राम पंचायत की महिला सदस्य चंचल वर्मा ने मख्य विकास अधिकारी , डीपीआरओ अलीगढ को कई शिकायती पत्र भेजे| इस शिकायती पत्र पर क्या कार्रवाई हुयी इसे जानने के लिए उन्होंने जनसूचना अधिनियम के तहत सूचना मांगी, लेकिन सीडीओ ने गेंद डीपीआरओ और डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत के पाले में फैकते हुए ग्राम पंचायत सचिव पंकज चौधरी को सूचना देने के निर्देश दिए लेकिन सूचना नहीं दी गयी|
नियमानुसार अपील की गयी, अपील की सुनवाई में डीपीआरओ ने ग्रामपंचायत सचिव पंकज चौधरी को पांच जुलाई तक सूचना उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे| लेकिन इन आदेश को हवा में उड़ाते हुए आज तक कोई सूचना नहीं दी गयी है|
शिकायतकर्ता चंचल वर्मा का कहना है कि इस मामले में उन्होंने मा० राज्य सूचना आयोग में वाद दर्ज कराया है| लेकिन वरिष्ठ अधिकारियो को भी इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए| मामले पर खंड विकास अधिकारी देवेंद्र जी धनीपुर से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, सोमवार को वह प्रकरण को दिखवाएंगे|