समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने मा.प्रधानमंत्री जी द्वारा लोधा क्षेत्र में राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के नाम से विश्वविद्यालय शिलान्यास के लिए अलीगढ़ आगमन पर कहा कि अच्छी बात है, एक और विश्वविद्यालय अलीगढ़ को मिल रहा है। मैं अलीगढ़ वासियों को नये विश्वविद्यालय की मुबारकबाद देता हूं।
पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने कहा मुझे इस बात का बड़ा दुख है कि कुछ महीने पहले लोधा क्षेत्र में ही मिलावटी जहरीली शराब कांड में लगभग 200 बेगुनाह गरीब लोग मारे गए थे जो कि अपने परिवार के मुखिया थे। जिनके मरने से वह परिवार भी तबाह हो गए, बच्चे अनाथ हो गए, बीवियां विधवा हो गईं।
लेकिन भाजपा सरकार के किसी भी जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री द्वारा अलीगढ़ आकर लोधा क्षेत्र में मारे गए लोगों के घर जाकर दुख-दर्द साझा नहीं किया गया और अभी हाल ही में अकराबाद थाना क्षेत्र के गांव नगला रंजीता में एक दलित लड़की का बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई तो भाजपा के किसी भी विधायक, सांसद, जनप्रतिनिधि ने अभी तक उस परिवार का हाल-चाल नहीं जाना। मुझे बड़ा दुख होता है कि राजनेता अगर सिर्फ भाषण ही देंगे तो जनता के दर्द में कौन शामिल होगा।
पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने भाजपा सरकार और उनकी नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा अलीगढ़ ने अभी कोरोना जहरीली शराब कांड, बलात्कार, हत्याओं में बड़ा दुख झेला है लेकिन भाजपा का कोई भी जनप्रतिनिधि और मुख्यमंत्री आज तक उस दुख में शामिल नहीं हुआ लेकिन जब भाषण देने की बारी आई तो लोधा क्षेत्र में विश्वविद्यालय शिलान्यास मंच पर संपूर्ण भाजपा के बड़े-बड़े राजनेता आ रहे हैं और भाषण देंगे और मुझे सूत्रों से मालूम हुआ है कि मंच पर ही बहुत बड़ा रोने धोने का ड्रामा होगा।
लेकिन जनता अब सब समझ चुकी है वह जानती है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है अगर सच में भाजपा को अलीगढ़ की जनता के दुख का दर्द है तो मेरी मांग है, कि विश्वविद्यालय शिलान्यास मंच से लोधा क्षेत्र के जहरीली शराब से मारे गए लोगों के परिवार से मिलें, एक आदमी को विश्वविद्यालय में नौकरी दें।
हाजी जमीर उल्लाह ने दुख जताते हुए कहा नगला रंजीता में मारी गई दलित बालिका के दुख में शामिल होने उसके घर जाएं और पिछड़ों के नेता मा. सांसद राजवीर सिंह राजू भैया को उनके पिता स्वर्गीय कल्याण सिंह जी की याद में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करें। नहीं तो अलीगढ़ की जनता भाजपा के घड़ियाली आंसुओं को समझ रही है। और इसका मुंहतोड़ जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में देगी।