मुस्लिम समाज को बदनाम करने के भाजपा का आईटी सेल कम पड़ रहा था इस लिए फिल्म इंडस्ट्री का सहारा लिया जा रहा है।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के प्रवक्ता नाजिम इलाही ने बताया कश्मीर फाइल और केरल स्टोरी तो सिर्फ राजनैतिक शैली में मुस्लिम समाज को दानव दैत्य बनाने का प्रयास था।
प्रवक्ता नाजिम इलाही ने कहा अब उस से भी काम नहीं चला तो मुसलमान के अलावा इस्लाम को निशाना बनाकर 72 हूर और अजमेर 92 जैसी फिल्मों का निर्माण कराया जा रहा है।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के प्रवक्ता नाज़ीम इलाही ने कहा सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर मुसलमान समाज को बदनाम करने करने की सफलतापूर्वक प्रयोग की जा रही है अगर प्रतिबंध लगाने की मांग करें तो सरकार टैक्स फ्री कर के प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री निवास पर इन फिल्म निर्माता निर्देशक का सम्मान कर के उनका वित्तीय घाटा पूरा कर दिया जाता है।
और ऐसी फिल्मों का मुस्लिम समाज के प्रति अन्य समाज का नफरती रुख हो रहा है इन दिनों इसके वांछित परिणाम उत्तराखंड और महाराष्ट्र में दिखाई देने लगे हैं।
अगर कोई एक मुस्लिम लड़का किसी हिंदू लड़की के साथ दिख जाए तो लव जिहाद के नाम पर मुस्लिम समाज को पलायन करने का आदेश हिंदुत्व शंखनाद से कर दिया जाता है और प्रशासन उनके साथ खड़ा दिखाई देता है।
इसके विपरीत अगर कोई हिंदू लड़का किसी मुस्लिम लड़की को निशाना बना रहा है तो हिंदुत्व शंखनाद उनके साथ घर वापसी कराने के लिए शासन बल के साथ खड़ा हो जाता है और गोदी मीडिया द्वारा प्रोपेगेंडा चलाया जाता है अगर लड़का हिंदू हुआ तो उसकी तारीफ की जाती है कहा जाता है मज़हब की दीवार तोड़ प्यार के बंधन में बने दो जोड़े।
और लड़का मुसलमान हुआ तो उसके खिलाफ लव जिहाद और नाबालिग और बलात्कार जैसे अगवा कर लिया जैसे कई आरोप का सामना करना पड़ता है और खुद उसको ही नहीं उसके साथ उसके परिवार और समाज को आर्थिक सामाजिक रुप से सामना करना पड़ता है ऐसा लगता है कि पूरा सिस्टम मुसलमान समाज के खिलाफ काम कर रहा है।
और सबसे बड़ा सवाल अगर यह आरोप लगाना है तो लव जिहाद क्यों मुस्लिम लव ट्रैप कह सकते हैं हरा लव लव ट्रैप या फेक लव ट्रैप या सिर्फ लव ट्रैप कह सकते हैं पर जिहाद शब्द का गलत तरीके से इस्तमाल कर अरबी अल्फाज़ का गलत मायाना पेश किया जाता है बल्कि जिहाद का मतलब होता है कि अपने अंदर की बुराइयों से लड़ना अफसोस की बात यह हमारे बड़े बड़े मदरसों से इस पर आपत्ति भी नहीं जताई जाती। और सरकारी सिस्टम का इस्तेमाल कर अरबी अल्फाजों का इस्तेमाल कर मुस्लिम समाज के खिलाफ प्रोपेगेंडा किया जाता है और इस पर आपत्ति जताने वाला इस देश के अंदर कोई नहीं यह मदद से चलाने वाले बड़े-बड़े उलेमा के लिए भी चिंता की बात है।
प्रवक्ता नाजिम इलाही ने कहा अतीक माफिया के लिए कानून अलग है और ब्रजभूषण शरण सिंह के लिए कुछ और नर्म नाज़ुक कानून हैं जहां महिला पहवानों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।बुल्डोजर ओर पुलिस धर्म और जाति भेद के अनुसार चल रहे हैं।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया के प्रवक्ता नाजिम इलाही ने आगे बात रखते हुए कहा पहले दलित और मुसलमान निशाने पर थे और अब दूसरे पिछड़े वर्ग जाट समाज समेत निशाने पर आ गए हैं, मनुवाद अपने पूरे जोर पर है।