वंचित समाज के लिए सलीम पीरज़ादा ने पारिवारिक जीवन को त्याग दिया था।PPI ने पुण्यतिथि को संकल्प के रूप में मनाया।

परचम पार्टी Parcham Party of India के संस्थापक सलीम पीरज़ादा की पुण्यतिथि 12 दिसंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर अली अमीर की अध्यक्षता में यौमे ए अहदे वफा (संकल्प दिवस) के रूप में आयोजित की गई।

सभा में उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए सभा के संचालक व पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सय्यद तनवीर अहमद ने अतिथियों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का परिचय दिया।

महासचिव नाजिम इलाही ने सलीम पीरजादा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बहुमूल्य सामाजिक एवं राजनीतिक योगदान का विस्तार से वर्णन किया। परचम पार्टी की स्थापना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि समाज के हितों की रक्षा के लिए मुसलमानों दलितों तथा पिछड़े वर्ग के राजनीतिक चेतना और संख्या बल के अनुपात में सत्ता में भागीदारी हासिल करना प्रमुख उद्देश्य था।

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सलीम पीरज़ादा ने पारिवारिक जीवन के सारे सुखों को त्याग दिया था।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष बच्चन अली खान ने सभा के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने से पहले दिवंगत सेना प्रमुख कमांडर बिपिन रावत के दर्दनाक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक योग्य सेनानायक थे जिनकी मृत्यु से अपूर्ण क्षति हुई है।
लेकिन शोक का विषय है कि देश के सर्वोच्च सेना अधिकारी की सुरक्षा में चूक हो गई। इस विषय पर गहनता से जांच की जानी चाहिए। प्रस्ताव में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पक्षपात पूर्ण कारवाई और कस्टडी में होने वाली हत्या की निंदा की गई।
विभिन्न वक्ताओं ने प्रस्ताव पर अपना विचार प्रकट करते हुए सशस्त्र बलों के विशेषाधिकार AFPSA को निष्क्रिय करने, सीमा सुरक्षा बल को व्यापक अधिकार दिलाए जाने तथा देशद्रोही विरोधी कानून यूएपीए को समाप्त करने पर जोर दिया.
अपने समापन भाषण में राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर अली अमीर ने सलीम पीरजादा को भावभीनी श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए उनके विचारों तथा कार्य शैली पर प्रकाश डाला। परचम पार्टी की स्थापना के समय अपने अनुभव का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सहयोगी होने की हैसियत से यौम- ए- अहद- ए- वफा पर उनका संकल्प है कि जब तक सांस बाकी है सलीम पीरज़ादा के आदर्शों पर चलते रहेंगे और उनके सपनों का पूरा करने का प्रयास करेंगे।
इंजीनियर नासिर हुसैन और मौलाना सुल्तान अहमद इस्लाही के योगदान का उल्लेख करते हुए डॉ अली अमीर ने कहा कि परचम पार्टी का मनोबल बनाए रखने में इन लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सलीम पीरजादा के जीवन में ही उनके इन दो प्रमुख सहयोगियों का देहांत हो गया था जिससे सालीम पीरजादा बहुत दुखी और मायूस थे।

  •  Parcham Party of India परचम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ०प्र०) सैयद नाजिम अली ने कहा कि परचम पार्टी की स्थापना का उद्देश वंचित समाज को सामान हित के आधार पर एकत्र करना था। दलितों, मुसलमानों और दूसरे वर्ग को समानता, सुरक्षा एवं सम्मान भी चाहिए जो मनुवादी समाज देने के लिए तैयार नहीं है।
नाजिम अली ने कहा सांप्रदायिक सौहार्द को सफल बना कर सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता से बेदखल करना जरूरी है। वरना न संविधान बचेगा ना देश में शांति व्यवस्था रहेगी।किसान नेताओं को मुबारकबाद देते हुए उन्होंने कहा की अपने संघर्ष से उन्होंने सरकार के पूंजीवादी मंसूबों पर पानी फेर दिया।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख वक्ताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा धन्यवाद व्यक्त करने के बाद सभा की समाप्ति की घोषणा राष्ट्रीय गान के बाद की गई।

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