शहाबुद्दीन साहब 4 बार का लोकसभा सांसद जिसने अपना पूरा जीवन काल लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के प्रति वफ़ादारी पर कुर्बान कर दिया।
अलीगढ़ की महिला नेत्री रुबीना खान ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा:
जब लालू यादव अंदर थे और तेजस्वी की माँ राबड़ी बिहार की गद्दी पर बैठी तब लालू के लाल छोटे थे और इतने सक्षम नही थे की पुरे दल को एकजुट रख पाते
लालू के उस खराब समय में शहाबुद्दीन साहब ही थे जिसने पर्दे के पीछे रहते हुए लालू प्रसाद यादव के दुश्मनों पर नकेल डाली एवंम
राबड़ी देवी की कुर्सी बचाये रखी और लालू के दल को एकजुट रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाई.
नितीश कुमार ने न जाने कितनी बार शाहबुद्दीन को दावत दी लालू का साथ छोड़ें हमारे साथ आ जाए
और फिर से बिहार में वापसी करें.
आजके इस दौर में जहाँ बड़े बड़े सफ़ेदपोश नेता परिस्थियों के हिसाब से दल कपड़ो की तरह बदल रहे है वही जहाँ न कोई सिद्धांत है और न कोई दीन ईमान ऐसे दौर में भी शहाबुद्दीन साहब ने लालू यादव के लिये वफ़ादारी की एक मिसाल कायम की जेल में बरसों काट दिये लेकिन लालू यादव से गद्दारी नही की लेकिन बदले में लालू और उनके लाल एवंम सम्पूर्ण आरजेडी शहाबुद्दीन के अंतिम समय में उसे अपने वतन की अपनी बिहार की मट्टी भी नही दिलवा सकी इतनी कमज़ोर असहाय तो नही थी बिहार की प्रमुख विपक्षी दल आरजेडीही है।