अलीगढ़ 16 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानियों और प्रतिष्ठित महिलाओं की देश के लिए विशिष्ट सेवाओं को याद करने तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बेगम हजरत महल, श्रीमती एनी बेसेंट, नवाब सिकंदर जहां (भोपाल), मैडम भीकाजी कामा (एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, परोपकारी तथा एक महिला अधिकार कार्यकर्ता), हमीदा हबीबुल्लाह (एक भारतीय सांसद और सामाजिक कार्यकर्ता) और कादम्बिनी गांगुली (भारत में चिकित्सा सेवा प्रारंभ करने वाली पहली भारतीय महिला) के नाम पर छात्राओं के लिए छह छात्रावासों का नाम रखने का फैसला किया है।
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने गत दिवस बेगम अजीजुन निसा हॉल में छह छात्रावासों और एक एटीएम कियोस्क का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अंतर्गत हाल परिसर में ध्वजारोहण कार्यक्रम के उपरांत आयोजित किया गया।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि इस आवासीय हॉल में रहने के लिए आने वाली छात्राओं की पीढ़ियां इन प्रतिष्ठित महिलाओं के योगदान से प्रेरित होती रहेंगी जिन के नाम पर छात्रावासों का नामकरण किया गया है।
कुलपति ने दक्षिण अफ्रीका के एक विशालकाय पेड़, अडांसोनिया डिजिटाटा, का एक दुर्लभ पौधा भी लगाया जिसे लैण्ड एण्ड गार्डन विभाग के पूर्व प्रभारी सदस्य प्रोफेसर शुजाउद्दीन द्वारा हॉल को उपहार स्वरूप भेंट यह गया था।
उन्होंने औषधीय महत्व के दुर्लभ पौधों सहित 2000 से अधिक पौधे लगाकर हॉल परिसर को हरा-भरा बनाने के लिए हॉल प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर कुलपति ने भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ कार्यक्रम के भाग के रूप में आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय निबंध लेखन प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की।
हॉल की प्रोवोस्ट प्रोफेसर सुबूही खान ने हाल में विकास कार्यों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 2019 में शुरू किए गए वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है, जिसमें 400 औषधीय पौधे, 565 फूल वाले पेड़, 205 सजावटी पेड़, 310 फलदार पेड़, 765 छायादार पेड़ और 591 गमले वाले पौधे शामिल हैं। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव भी ज्ञापित किया।
इस अवसर पर एएमयू रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस), महिला कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर नईमा खातून गुलरेज़, पूर्व एमआईसी, भूमि और उद्यान विभाग, प्रोफेसर शुजाउद्दीन, इंजीनियरिंग कालिज के पिं्रसिपल प्रोफेसर एमएम सूफियान बेग तथा छात्रावासों के वार्डन और अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे।