अलीगढ़, 13 अगस्तः प्रख्यात उर्दू आलोचक और साहित्यकार, स्तंभकार एवं अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मास कम्युनिकेशन विभाग के प्रोफेसर शाफ़े किदवई को कतर स्थित उपमहाद्वीप के प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार संगठन ‘मजलिस-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू अदब’ के पुरस्कार निर्णायक मंडल (भारत) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
प्रोफेसर एम शाफ़े किदवई का चयन अब तक उक्त मानद पद पर आसीन दिवंगत प्रमुख भारतीय साहित्य आलोचक और उर्दू विद्वान, प्रोफेसर गोपी चंद नारंग के निधन से उत्पन्न होने वाले स्थान पर किया गया है।
मजलिस फ़रोग़-ए-उर्दू अदब के अध्यक्ष, श्री मोहम्मद अतीक ने कहा कि मजलिस साहित्य के मैदान में नए साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच तैयार करता है, जिन्हें विशिष्ट शैलियों और प्रथाओं के साथ अनुभवी लेखकों और कवियों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। भारत से आलमी पुरस्कार जूरी समिति के अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक साहित्य में निपुण लोगों की सरपरस्ती करना होगी।
इस महत्वपूर्ण चयन पर प्रोफेसर किदवई को हार्दिक बधाई देते हुए अमुवि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि प्रोफेसर किदवई को एक विशिष्ठ पुरस्कार की जूरी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।
विश्वविद्यालय समुदाय उनकी साहित्यक उपलब्धियों का जश्न मना रहा है जिसका प्रदर्शन उन्होंने एक योग्य और अर्जित सफलता की प्राप्ति के लिए किया है।
प्रोफेसर किदवई एक प्रसिद्ध विद्वान, शिक्षक, द्विभाषी आलोचक, अनुवादक और लेखक हैं। वह कई प्रतिष्ठित उर्दू और अंग्रेजी पत्रिकाओं के लिए लिख रहे हैं। उनकी समीक्षाएं और लेख नियमित रूप से द हिंदू, द हिंदुस्तान टाइम्स, द इंडियन एक्सप्रेस, द आउटलुक, द बुक रिव्यू, द इंडियन लिटरेचर, द फ्रंटलाइन और अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।
उनकी अंग्रेजी में पांच किताबें और उर्दू में आठ किताबें प्रकाशित हुई हैं और पीयर रिव्यूड पत्रिकाओं में उनके 100 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
प्रोफेसर किदवई को साहित्य अकादमी पुरस्कार (2019), कलिंग साहित्य पुरस्कार (2021), इकबाल सम्मान (मध्य प्रदेश सरकार का सर्वाेच्च साहित्यिक पुरस्कार, 2018) और अमीर खुसरो पुरस्कार (उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, 2017 का सर्वाेच्च साहित्यिक पुरस्कार) से सम्मानित किया जा चूका है। संचार अध्ययन, फिल्म अध्ययन, प्रसारण पत्रकारिता, खेल पत्रकारिता और उर्दू पत्रकारिता प्रोफेसर किदवई की विशेष रूचि के क्षेत्र हैं।