एएमयू के विद्वानों व बुद्धिजीवियों की टीकाकरण की अपील,कहा बीमारी और शिफा अल्लाह के हाथ में है।

अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने सभी से अपील की है कि कोरोना जैसी घातक महामारी से खुद को बचाने के लिए टीका अवश्य लगवाएं। विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि आज पूरी दुनिया और विशेषकर हमारा देश एक गंभीर महामारी से जूझ रहा है। कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और तूफान इस स्तर पर पहुंच गया है कि हमारी पूरी जन स्वास्थ्य, चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो गई है।

डाक्टर, चिकित्साकर्मी और सभी इस संकट से युद्ध स्तर पर लड़ रहे हैं और अपनी जानें भी दे रहे हैं। हम उनकी सेवाओं और कुरबानी के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

अपील में कहा गया है कि इन परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक और सभी धर्मों के अनुयायियों का कर्तव्य है कि वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए हर संभव उपाय करें और सरकार और डाक्टरों के निर्देशों का पालन करें। जीवन की रक्षा सभी धर्मों की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण चीज है और यहां तक कि पवित्र कुरान में भी खुद को मारने की सख्त मनाही है।

मुसलमान होने की हैसियत से यह हमारा विश्वास है कि बीमारी और उपचार दोनों सर्वशक्तिमान अल्लाह के हाथों में हैं, लेकिन एहतियाती उपाय के साथ-साथ इलाज और उपाय ऐसा साधन हैं जिन्हें अल्लाह ने उपचार के लिए बनाया है और उनका पालन करना धार्मिक रूप से अनिवार्य है।

इसलिए फेस मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोते रहना न केवल डाक्टरों और सरकार के निर्देशों के अनुसार है, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का धार्मिक कर्तव्य भी है।

अपील में कहा गया है कि इन सावधानियों में सबसे महत्वपूर्ण है टीकाकरण। वैक्सीन से ही हम इस वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं। अपील में सभी लोगों को निर्धारित नियमों के अनुसार जल्द से जल्द टीका लगवाने का आह्वान किया गया है और कहा गया है कि इसमें कोई भी झिझक अपने परिवार और देश के अन्य नागरिकों के जीवन को खतरे में डालना है।

शिक्षकों ने कहा कि हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार टीकाकरण की पहल करें ताकि वे सुरक्षित रह सकें और देश के नागरिकों के जीवन और देश के विकास को खतरे में डालने वाले इस संकट को खत्म किया जा सके।

अपील में यह भी कहा गया है कि हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम टीकाकरण के साथ-साथ अल्लाह से सच्चे दिल से प्रार्थना करें और इस महामारी से खुद को बचाने के लिए विशेष प्रार्थना और ऑनलाइन इस्तिगफार दिवस की व्यवस्था करें।

अपील पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों में धर्मशास्त्र संकाय के डीन प्रोफेसर मुहम्मद सऊद आलम कासमी, केए निजामी कुरान अध्ययन केंद्र के निदेशक, प्रोफेसर अब्दुल रहीम किदवई, सर सैयद अकादमी के निदेशक, प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी, जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य, प्रोफेसर एम.एम. सुफियान बेग, थियोलोजी फैकल्टी के पूर्व डीन, प्रोफेसर तौकीर आलम फलाही, सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद सलीम, इस्लामिक स्टडीज विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर ओबैदुल्लाह फहद, शिया धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तैयब रजा नकवी, पूर्व नाजिम सुन्नी दीनियात, डा० मुफ्ती जाहिद अली खान और ब्रिज कोर्स और सीईपीईसीएएमआई के निदेशक श्री नसीम अहमद खान शामिल हैं।

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