अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की तरफ से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता ज़ैद पठान की गिरफ्तारी के खिलाफ मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया।
मध्यप्रदेश इंदौर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जैद पठान पर इंदौर प्रशासन ने फर्जी तरीके से रासुका के तहत कार्यवाही कर जेल भेज दिया है, जिससे सामाजिक कार्यकर्ताओं मैं रोष है।
ज़ैद पठान को 15 अगस्त यानी उस दिन, जिस दिन पूरा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा था उनके घर के बाहर से हिरासत में लिया गया। यह बात भी गौर करने वाली है कि ज़ैद पठान को जिस वक्त हिरासत में लिया गया उससे कुछ देर पहले ही उन्होंने फेसबुक पर तिरंगे से लिपटी पगड़ी पहने राष्ट्रध्वज के साथ आज़ादी का जश्न मनाते हुए फोटो डाला था और कुछ ही घंटों के बाद जैद पठान को हिरासत में लेकर उनके ऊपर रासुका की कार्रवाई कर दी गई।
पिछले दिनों खरगोन में हुई हिंसा और उस हिंसा मैं एक शख्स की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर हंगामा हुआ था, जिसमें ज़ैद पठान उस शख्स के पोस्टमार्टम के वक्त जिला प्रशासन के साथ नज़र आए थे और यह बात संज्ञान में आई थी की ज़ैद पठान पीड़ित परिवार का साथ दे रहे हैं।
कहा जा रहा है कि ज़ैद पठान को पीड़ित परिवार का साथ देने की सजा मिली है। लोगों में इस बात को लेकर भी रोष है कि जिस कानून को भारत की आज़ादी के मतवालों को कुचलने के लिए अंग्रेजों ने बनाया था और जिस कानून के लिए पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट भी टिप्पणी कर चुका है कि यह कानून खत्म होना चाहिए. ज़ैद पठान जैसे सामाजिक कार्यकर्ता की आवाज़ दबाने के लिए सरकार अंग्रेजों द्वारा बनाए गए उन ही कानूनों का इस्तेमाल कर रही है।
जैद पठान के समर्थन में और भाजापा व मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला गया।
छात्र नेता फरीद मिर्जा ने कहा कि जैद पठान एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो गरीबों की मदद बढ़ चढ़कर करते हैं ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता पर इंदौर पुलिस रासुका के तहत कार्यवाही करके यह साबित करना चाहती है कि देश में कानून का राज खत्म हो चुका है, फरीद ने कहा कि इंदौर प्रशासन यह स्पष्ट करें कि गरीबों की मदद करना रासुका की श्रेणी में आता है या नहीं अगर आता है तो फिर जैद पठान पर एनएसए क्यों लगाई गई।
छात्र नेता मुफीद का कहना है जब सारा देश 15 अगस्त के अमृत महोत्सव में डूबा हुआ था खुद जैद पठान भी अमृत महोत्सव का हिस्सा थे लेकिन प्रशासन ने एक मामले को तूल देते हुए 15 अगस्त के दिन एक मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता को सलाखों के पीछे भेज कर एक पराकाष्ठा की भूमिका निभाई है।
छात्र नेता यासिर ने कहा पिछ्ले दिनों मध्य प्रदेश के खरगोन में हुए मुस्लिम नरसंहार को जैद पठान ने दुनिया के सामने रखा था जहां पर पुलिस की तानाशाही और एकपक्षीय कार्यवाही से देश को आगाह किया था उसी के चलते प्रशासन ने जैद पठान से अपने खुन्नस निकाली है।
छात्र नेता सलमान ने कहा कि अगर एक सामाजिक कार्यकर्ता को इतनी प्रताड़ना झेलनी पड़ती है तो फिर देश की आजादी के मायने क्या है? आज देश के सामाजिक कार्यकर्ता यह सोच रहे हैं कि आजाद देश में आजादी क्यों नहीं।
इस मौके पर यासिर, मुफिद, उवेस, सलमान, सरमाद, अब्दुल रहमान, शाहरुख, राहुल, वारिस, इब्राहिम, कुमैल, इरफान सहित भारी मात्रा में छात्र मौजूद रहे।