अलीगढ़, 1 जूनः जलवायु परिवर्तन पर नजरें गड़ाए हुए विशेषज्ञ कई दशकों से वायु प्रदूषण और ग्रीन हाउस उत्सर्जन में सीमेंट के भारी योगदान को कम करने के लिए उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
इसी क्रम में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेड एच कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तीन शिक्षकों की एक टीम तथा तीन पूर्व छात्रों ने वांछित संरचनात्मक गुणों के साथ पर्यावरण के अनुकूल संशोधित सीमेंट प्राप्त करने का एक तरीका खोज निकाला है।
प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ, प्रोफेसर अब्दुल बाकी और डा० एम शारिक और पूर्व छात्रों, इंजीनियर मोहम्मद जमाल अल-हागरी, इंजीनियर आमेर सालेह अली हसन और डा० इबादुर रहमान ने अपने अविष्कार, संशोधित सीमेंट तैयार करने और यांत्रिक और रासायनिक गुणों का मूल्यांकन करने के लिए एक विधि” को आस्ट्रेलिया सरकार के पेटेंट कार्यालय में एक बौद्धिक संपदा के रूप में पेटेंट कराया है।
उक्त विशेषज्ञों ने कहा कि इस अविष्कार का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। उन्होंने कहा कि निर्माण और अन्य उद्योगों को हरित क्रांति से गुजरने की सख्त जरूरत है, दूसरे शब्दों में, उद्योगों को पर्यावरण के अनुकूल सामग्री को अपनाने और पेश करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह अविष्कार माइक्रो-सिलिका फ्यूम, नैनो-सिलिका फ्यूम और फ्लाई ऐश के साथ यांत्रिक गुणों जैसे स्प्लिट, फ्लेक्सुरल टेंसिल और व्यापक ताकत और 22 संशोधित कंक्रीट पर दो एडिटिव्स के संयोजन में सीमेंट प्रतिस्थापन के प्रभाव पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म और नैनो-सिलिका फ्यूम्स का संयोजन कंक्रीट के यांत्रिक गुणों को बढ़ाता है और अंततः संशोधित कंक्रीट का सूक्ष्म संरचनात्मक और रासायनिक विश्लेषण घने और काम्पैक्ट संरचना के साथ छिद्र भरने के कारण कंक्रीट के रूपात्मक गुणों में सुधार पैदा करता है।