amu vc news : छात्रों के भारी विरोध के चलते AMU इंतजामिया ने घुटने टेके, कैनेडी में मुशायरा किया रद्द।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिनांक 23 सितंबर रात्रि समय 7:00 बजे से ऑल इंडिया मुशायरा, वर्टेक्स नामक कंपनी और एल्यूमीनियम अफेयर्स कमेटी के सौजन्य से करवाया जा रहा था, जिसमें मुख्य अतिथि कार्यकारी कुलपति, प्रोफेसर गुलरेज थे।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पिछले डेढ़ साल से कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई है इसको लेकर छात्रों में काफी आक्रोश है और छात्र नई कुलपति की नियुक्ति चाहते हैं। इसके अलावा छात्र संघ की बहाली का ना होना, पूर्व कुलपति का रातों-रात बिना अगले कुलपति का इलेक्शन कराए भाग जाना और amu acting vc कार्यकारी कुलपति का कुलपति की पोस्ट पर बैठने के बाद अभी तक नए कुलपति के चयन की पक्रिया चालू न करना छात्रों की नाराजगी की मुख्य वजह हैं।
17 सितंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी टीचर संघ और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व पोस्ट होल्डरों अथवा नॉन टीचिंग और स्टूडेंट का जॉइंट जलसा जो टीचिंग स्टाफ क्लब में हुआ, उस जलसे ने भी आग में घी डालने का काम किया।
खासकर उस जलसे के बाद जब छात्रों के सीनियरस कार्यकारी कुलपति से मिलने गए तो कार्यकारी कुलपति का न मिलाना छात्रों की नाराजगी में बढ़ोतरी करता चला गया।
इसी बीच इस मुशायरा की खबर का आना छात्रों के जख्मों पर नमक के लगने जैसा हो गया और छात्र इससे भड़क उठे की जब विश्वविद्यालय में जो चीज जरूरी हैं, जैसे कि नए कुलपति का चयन, छात्र संघ का चुनाव, कोविद की वजह से सेशन देर से चल रहा है, उसको वक्त पर नहीं लाया जा रहा और अन्य कई काम का ना करना, इन हालात में यूनिवर्सिटी में मुशायरा का होना और उसमें चीफ गेस्ट उस कार्यकारी कुलपति का होना जो अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि कार्यकारी कुलपति की सबसे पहले और सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया को कम से कम वक्त में और जल्दी से जल्दी पूरा करवाना, जो अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है।
छात्रों का कहना था कि इन हालात में हम यूनिवर्सिटी में मुशायरा नहीं सुनेंगे ना होने देंगे जब तक यूनिवर्सिटी के कामकाज सुचारू रूप से नहीं चलते और इसीलिए छात्रों ने 22 सितंबर को शाम 7:00 बजे लाइब्रेरी कैंटीन पर जनरल बॉडी मीटिंग करके पूर्ण सहमति से फैसला किया था कि इस मुशायरा का टोटल बायकॉट किया जाएगा।
यूनिवर्सिटी इंतजामिया की तरफ से भी पूरी कोशिश करी जा रही थी कि यह मुशायरा किसी भी हालत में होना चाहिए। अमुवी परिसर में यह भी अफवाहें थी कि एएमयू इंतजामिया पुलिस बल का प्रयोग भी करवा सकता है, लेकिन इन तमाम अफवाहों के चलने के बावजूद छात्रों का मनोबल नहीं टूटा और वह बायकॉट के अपने फैसले पर अड़ीग रहे।
छात्रों ने आज दोपहर में यूनिवर्सिटी के न्यू गेस्ट हाउस जाकर जो शायर आ चुके हैं उनसे मुलाकात करके भी अपील करी कि, आप की हम इज्जत करते हैं लेकिन इस वक्त मुशायरा की इजाजत नहीं दे सकते, तो आप मुशायरा में ना आए।
छात्रों के इस भारी विरोध को देखते हुए कानून व्यवस्था सही रहे इसलिए एएमयू प्रशासन ने मुशायरा को रद्द करने का फैसला किया और छात्रों के बल के आगे कहीं ना कहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घुटने एक बार फिर टेक दिए। जिससे यह भी साबित होता है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति जब भी उबलती है तो यहां के फैसले बदलवा कर ही छोड़ती है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी बॉडी अमुवी कोर्ट में भी एक्ट बनाने वालों ने छात्रों का प्रतिनिधित्व रखा था, शायद इसलिए भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का यह इतिहास है कि यहां छात्र राजनीति के दबाव में प्रशासन को हमेशा देखा जाता रहा है।
छात्रों ने इस पर खुशी का इजहार करते हुए इसको अपनी जीत माना है और यह ऐलान किया है कि जब तक नए कुलपति का इलेक्शन नहीं हो जाता और छात्रों को उनका हक यानी छात्र संघ नहीं मिल जाता यूनिवर्सिटी कैंपस में इस तरह की कोई भी फालतू कार्यक्रम नहीं होने दिए जाएंगे और अगर जल्द ही नए कुलपति के चयन के लिए पैनल नहीं बनाया गया तो कार्यकारी कुलपति का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा और उनको किसी भी प्रोग्राम में नहीं घुसने दिया जाएगा।
छात्रों के अलावा पुरी अलीगढ़ बिरादरी, जिसमें पूर्ण रूप से पूर्व सचिव- अबरार अहमद चीकू, पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सचिव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता- ज़ेड के फैजान, ओल्ड बॉयज संगठन के लाइफ मेंबरज- फिरोज तलत, डॉक्टर अनवारुद्दीन खान, पूर्व सचिव एवं अध्यक्ष- एस एम अनवर हुसैन, पूर्व अध्यक्ष आजम बेग आदि खास तौर पर इस मुशायरा का विरोध कर रहे थे। इन्होंने भी मुशायरा के कैनेडी में रद्द हो जाने पर छात्रों की जीत बताते हुए छात्रों को मुबारकबाद दी है।
आज शाम 5:30 बजे से ही छात्रों ने हॉस्टल में घूम-घूम कर लड़कों को मैसेज देना शुरू कर दिया था और भारी भीड़ अलग-अलग हॉस्टलों से जमा होते हुए 6:15 बजे तक लाइब्रेरी कैंटीन पर पहुंच गई फिर छात्रों ने लाइब्रेरी कैंटीन पर ही मगरिब की नमाज पढ़ी और प्रोग्राम को बायकॉट करने का इंतजार करने लगे इसी बीच खबर आई के प्रोग्राम यहां रद्द कर दिया गया है, तो छात्रों ने लाइब्रेरी कैंटीन पर ही जश्न मनाया और कार्यकारी कुलपति प्रोफेसर गुलरेज के खिलाफ नारेबाजी करते हुए छात्र संघ और नए कुलपति की मांग करी।
Live AMU Mushaira 2023 from Aligarh Habitat Centre
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शायर शकील आज़मी, मेहश्वर अफरीदी,अजहर इकबाल, नदीम फारूक,डॉ पूजा गजल, खुशबू शर्मा,इकबाल अशार, पूर्व IAS अखिलेश मिश्रा, एम तुराज जैसे शायर मौजूद थे।