Assadduin Owsisi ने उठाया मुद्दा,Ex Mla Haji Zameerullah से जयंत चौधरी जी के दूत बनकर मिलने आए Dr Masood और उनकी टीम

UP Election 2022 नजदीक है हर एक मौके हर एक वक्त पर चुनावी सरगर्मियां बढ़ रही है अभी ताजा खबर आ रही है अलीगढ़ कॉल विधानसभा से जहां पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह से मिलने पहुंचे पूर्व मंत्री डॉक्टर मसूद.

अलीगढ़। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. श्री जयंत चौधरी जी के निर्देशानुसार रालोद प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री माननीय डॉ. मसूद अहमद प्रतिनिधिमंडल के साथ समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान के आवास पर पहुंचे, और इगलास महारैली में गलतफहमी के चलते हुई घटना पर खेद व्यक्त किया।

उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रालोद डॉक्टर मसूद ने पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह से कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. श्री जयंत चौधरी जी बहुत भले और नेक दिल इंसान हैं. आपसे परिचित ना होने की वजह से यह स्थिति सामने आई थी। अब आपके बारे में पूरी जानकारी होने पर उन्हें एहसास हुआ कि जनता के इतने लोकप्रिय नेता के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसीलिए हम सभी को आपके पास भेजा है।

इस मौके पर समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने कहा कि उस दिन इगलास मंच पर हुई घटना के वीडियो वायरल होने से पूरे देश में मुझसे ज्यादा मेरी प्यारी जनता और मेरे अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। मेरी जनता मुझे बहुत मान सम्मान देती है।

पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए कहा लेकिन आज मा. जयंत जी द्वारा आपको मेरे पास भेज कर उन्होंने मेरा मान सम्मान बढ़ाया है, और सिर्फ मेरा सम्मान नहीं बल्कि अल्पसंख्यक और वंचित समाजों का सम्मान बढ़ाया है।

पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह ने पूर्व मंत्री डॉक्टर मसूद से कहा आज मुझे उनकी महानता का एहसास हुआ है। मा. जयंत जी एक महान नेता हैं। जो हम जैसे गरीब लोगों की बातों का संज्ञान लिया और आपको हमारे पास भेजा, नहीं तो आज कौन किसी को सुनना पसंद करता है।

पूर्व विधायक हरि जमीर उल्लाह ने कहा आज उन्होंने मेरा दिल जीत लिया। भविष्य में जहां उनको मेरी जरूरत महसूस हो मुझे याद कर लें। मौहब्बत की शुरुआत उन्होंने की है, तो निभाने का वायदा मैं करता हूँ। और विधानसभा चुनावों में हमारी समाजवादी पार्टी के गठबंधन के तहत जहां भी पार्टी प्रचार की जरूरत होगी मैं वहां जाने को तैयार हूँ। और साथ ही मैं अपनी प्यारी जनता से अपील करता हूँ कि चुनावों की तैयारी में लगें और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाकर इस प्रदेश की बागडोर माननीय श्री अखिलेश यादव जी के हाथों में सौंपें। इस मौके पर रालोद महानगर अध्यक्ष अनीश खान, प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. इरफान खान,प्रदेश जनरल सेक्रेटरी राजा भैया, अधिवक्ता सभा जिला अध्यक्ष फूल सिंह धनगर, रालोद नेता श्री जगदीश माहौल, श्री महेंद्र कोरी, श्री दिनेश बघेल, वरिष्ठ समाजसेवी खालिद शेरवानी, समाजवादी पूर्व जिला उपाध्यक्ष सगीर अहमद, दिलशाद खान, फरहान सलमानी, इमरान घोसी, दानिश अब्बासी, तौफीक सोनी, आस मोहम्मद आशु आदि लोग मौजूद थे।

आपको बता दें 23 दिसंबर को सपा आरएलडी गठबंधन के इगलास अलीगढ़ में रैली थी जहां पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह को मंच पर आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पहचानने से इंकार कर दिया था और अब अपनी एक आरएलडी की प्रतिनिधि डॉ मसूद की अध्यक्षता में भेजी जो पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह से बातचीत कर गले मिलने का कार्य किया।

आपको बता दें 23 दिसंबर के दो-तीन दिन बाद असद ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के एक जनसभा में को संबोधित करते हुए कहा कि आओ जमीर उल्लाह मेरे कंधे पर बैठ जाओ और तुम नेता बन जाओ। और फिर कुछ सेकंड के वीडियो वायरल हुई जिसमें जयंत चौधरी ने 10 साल से विधायक रहे जमीर उल्लाह को पहचानने से इंकार कर दिया और दूसरी तरफ यह वीडियो वायरल हो रही थी जहां असद ओवैसी ने उनके अपमान का जिक्र करते हुए कहा कि यह मंच तुम्हारा है तुम आओ मेरे कंधे पर बैठ जाओ और तुम नेता बन जाओ।

कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है की असदुद्दीन ओवैसी का असर है उत्तर प्रदेश में कि जहां एक तरफ मुसलमानों के मुद्दा उठाने से तमाम धर्मनिरपेक्षता की दावा करने वाली राजनीतिक पार्टी परहेज कर रही है वही जिस मुद्दे पर अगर असदुद्दीन ओवैसी हाथ रख दे तो फिर किसी ना किसी बहाने से मुसलमानों के साथ खड़ी हो जाती है चाहे वह रामपुर का किस्सा हो जहां आजम खान का जिक्र करते ही अखिलेश यादव पूरे परिवार के साथ आजम खान परिवार से मिलने गए थे।

उत्तर प्रदेश में आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव 2022 मे हर पार्टी बगैर मुसलमानों का नाम लिए भाजपा हटाओ के नारे देकर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है और वही एक पार्टी ऐसी भी है कि नारीवादी को बढ़ावा देकर चुनाव लड़ गई है तो और दूसरी पार्टी यह है कि जो अयोध्या काशी मथुरा के नाम पर चुनाव लड़ रही है।

पर 2014 और 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के आने के बाद सबसे ज्यादा किसने शहादत दी है यह किसी से छुपा नहीं है सबसे ज्यादा कौन समुदाय मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ है, धार्मिक प्रोपेगेंडा का शिकार हुआ है यह किसी से छुपा नहीं है, पर सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय का हर कोई वोट लेना चाहता है पर नेता मानना कोई नहीं चाहता है।

और जब असद ओवैसी की राजनीति मुस्लिम और दलित को आगे लेकर बढ़ने की है और जब वह किसी मुद्दे को उठाते हैं तो फिर किसी न किसी तरीके से समर्थन देने पर धर्मे निष्पक्षता दावा करने वाली पार्टी मजबूर है।

हालांकि आपको बता दें अलीगढ़ के सबसे चर्चित नेता में से एक हैं हाजी जमीर उल्लाह 10 साल से विधायक रहे।ऐसे नेता हैं जिसके द्वार सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं हर इंसाफ पसंद और मजलूम और बेसहारों के लिए खुला हुआ है और शायद यही मजबूरी रही होगी जयंत चौधरी जी की की असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा मुद्दा उठाते ही अपनी एक प्रतिनिधि भेजने को मजबूर हुए होंगे।

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