एक और बड़े मुस्लिम चेहरा के राजनीतिक सफर एवं जीवन का अंत।
(Atiq Ahmad Shot Dead Murder Encounter News)
योगी आदित्यनाथ की सरकार मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की मौजूदगी में गोली की तड़ तड़ आहट लगे जय श्रीराम के नारे, 4 बार के विधायक पर एक बार के सांसद अतीक अहमद और पूर्व विधायक अशरफ का अंत।
हाल ही में जिस तरह से रामनवमी में जुलूस निकाले गए और उसमें जिस तरह से नारे लगे और फिर दंगा भड़का । ठीक उसी तरह मेडिकल के लिए जा रहे चार बार के विधायक एक बार के सांसद अतीक अहमद एवं उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ मियां को कथित आतंकवादियों ने गोलियों से भून डाला और फिर लगने लगे जय श्रीराम के नारे और यह सब अपराध को खत्म करने की दावा करने वाली योगी सरकार एवं उत्तर प्रदेश पुलिस की मौजूदगी में हुआ।
हालांकि इस घटना के बाद अतीक अहमद और अशरफ मियां तुरंत इंतकाल कर गए। इसके बाद से उत्तर प्रदेश हाई अलर्ट पर है लगभग प्रदेश में हर जगह 144 लगा दी गई है और इलाहाबाद में इंटरनेट सेवा बंद है और पास के ही चकिया में भारी फोर्स तैनात कर दी गई है।
मीडिया खबर के अनुसार हमलावर का कनेक्शन आईएसआई से बताया जा रहा है। क्योंकि हमलावर का ना तो इलाहाबाद उत्तर प्रदेश से कोई ताल्लुक नहीं है और ना ही पूर्व विधायक सांसद अतीक अहमद से कोई आपसी दुश्मनी तो फिर यह किस के इशारों पर यह इस तरह का घिनौना अंजाम को पूरा किया गया।
हाल ही में पूर्व सांसद पूर्व विधायक अतीक अहमद के बेटे असद का झांसी में एनकाउंटर हुआ हालांकि अभी वह शक के घेरे में था अभी उस बात को कुछ घंटे भी नहीं हुए अभी मीडिया उस पर चर्चा भी ही कर रही थी इसी बीच इनकी मौत की खबर सामने आ गई ।
बताया जा रहा है पूर्व सांसद अतीक अहमद एवं पूर्व विधायक अशरफ मियां को हाथ में हथकड़ी लगाकर जीव से उतारकर मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था इसी बीच मीडिया वाले सवाल पूछने लगे कि आप अपने बेटे के जनाजे में क्यों नहीं गए और इसी बीच जवाब देते हुए कहा कि नहीं ले गए नहीं गए उसी दौरान पुलिसकर्मियों के बीच गोली मारकर हत्या कर दी गई।
हालांकि एक पक्ष है जो आरोप लगा रहा है अतीक अहमद सांसद और विधायक होने के बावजूद और उनके भाई अशरफ मियां पूर्व विधायक होने के बावजूद उनके साथ सुरक्षा को लेकर जिस तरह से खिलवाड़ किया गया वह सब सुनियोजित लग रहा है क्योंकि सिर्फ 1 साल रह गए हैं लोकसभा चुनाव होने में और इस तरह का घिनौना अपराध बगैर मिलीभगत के नामुमकिन है।
अतीक अहमद के हत्यारों का क्या नाम है। ( atiq ahmad encounter news)
लोकेश तिवारी अरुण मौर्य और सनी नाम के व्यक्तियों ने देश के लोकतंत्र के मंदिर के पूर्व सांसद अतीक अहमद एवं उनके भाई पूर्व विधायक अशरफ मियां का हत्या कर दिया।
हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की घटना से मीडिया ट्रायल होने के बाद किस पार्टी को फायदा पहुंचेगा और किस वोट बैंक को नाराज होकर बे मर्जी का किसको वोट करेगा यह सारी चीजों का आने वाला वक्त मैं साफ हो जाएगा।
एमआईएम समर्थकों का कहना है भाजपा मुस्लिम समाज के खिलाफ प्रोपेगेंडा करती है मीडिया ट्रायल कराती है बदनाम करने की कोशिश करती है और फिर मुसलमानों को चुनाव के वक्त कथित सेकुलर पार्टी यह बताती है कि उसके हमदर्द वह है और जातियों तौर पर कम पर्सेंट होने के बावजूद मुसलमानों का बड़ा वोट बैंक अपनी तरफ खींचती है और उसके बावजूद भी बीजेपी जीत जाती है और फिर 4 साल अगले चुनाव तक मुस्लिम समाज का मीडिया ट्रायल ही हो रहा होता है।
आपको बता दें पूर्व सांसद अतीक अहमद चार बार के विधायक भी हैं।
अतीक अहमद का राजनीतिक जीवन।( Atiq Ahmad Political Life )
1989 से लेकर 2004 तक लगातार पांच बार विधायक चुनकर आए हैं जिसमें पहले तीन बार निर्दलीय 1 बार समाजवादी पार्टी और 1 बार अपना दल से चुनकर आए हैं। और फिर 2004 से 2009 तक फूलपुर से लोकसभा सांसद भी रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल कई सारे बाहुबली और आपराधिक मामले के विधायक और सांसद हैं जिसमें सबसे ज्यादा भाजपा पार्टी से फिर मुस्लिम चेहरे वाले का मीडिया ट्रायल कर किसके लिए माहौल तैयार किया जाता है?
चार बार के विधायक और एक बार के सांसद अतीक अहमद और उनके भाई पूर्व विधायक उनकी यूपी पुलिस की मौजूदगी में हत्या कर दी जाती है और फिर जय श्रीराम के नारे लगते हैं तो यह कानून और संविधान पर सबसे बड़ा सवाल है क्या इस देश में अब मुस्लिम फेस कब बड़ा होना पाप है?
हालांकि एक बेटा मारा गया और खुद पूर्व सांसद अतीक अहमद चार बार के विधायक और उनके भाई अशरफ मियां पूर्व विधायक भी मारे गए और अब मीडिया ट्रायल शायद असद अहमद की मां शाइस्ता परवीन की होगा।