राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव डा. परवेज़ आलम ने त्रिपुरा राज्य में असामाजिक तत्वों द्वारा मुसलमानों और मस्जिदों पर हो रहे लगातार हमलों को शर्मनाक बताते हुए केंद्र सरकार से हताक्षेप करके तत्काल इस पर रोक लगाए जाने की मांग की। राष्ट्रीय महासचिव डा. परवेज़ आलम ने कहा कि त्रिपुरा राज्य पिछले एक हफ्ते से दंगाइयों द्वारा लगाई गई आग में जल रहा है।
अल्पसंख्यक बहुजन मुस्लिम समुदाय पर उनके धार्मिक स्थलों पर हमले किए जा रहे हैं। दंगाइयों की गुंडा गर्दी को कोई रोकने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में त्रिपुरा सरकार दंगाइयों पर काबू पाने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में नाकाम है और केंद्र सरकार ने मौन व्रत रख लिया है।
उन्होंने केंद्र सरकार की खामोशी को निराधनजनक बताते हुए कहा कि केंद्र को राज्य के हालात पर राज्यपाल से रिपोर्ट लेकर हस्तक्षेप करके शांति व्यवस्था बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।
उन्होनें कहा कि किसी दूसरे देश में वहां के अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और भारत सरकार को इस मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दूसरे देश में हुई घटना के बाद अपने देश में रहने वाले लोगों के धार्मिक स्थलों पर हमले कहां का न्याय है। ये नफरत की राजनीति के कारण हो रहा है।
वहीं सचिव यूसुफ अजहर ने कहा कि त्रिपुरा को सेना के हवाले करके दंगाइयों पर कड़ी कार्रावाई की जानी चाहिए।
इसी तरह साइंटिफिक रिसर्च एकेडमी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मौलाना सनाउल्लाह ने कहा त्रिपुरा में बीते एक सप्ताह में कई बार मनुवादी समूह द्वारा मुसलमानों के ख़िलाफ हिंसा हुई है।
इस हिंसा में मुसलमानों के घरों, दुकानों और धर्मस्थलों को निशाना बनाया गया है। इन हिंसक घटनाओं की मौलाना ने निंदा करते हुए सरकार से मांग की है कि इस हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रावाई की जाए।
By : Ankita Kumari
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