उत्तरप्रदेश| यूपी में जारी सियासी दंगल के बीच जहां लोगो ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को मुस्लिम की पार्टी नाम से विख्यात कर रखा हैं। वही उन्होंने वाराणसी से मैदान में एक हिंदू को उतार कर सभी आलोचकों का मुह बन्द कर दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख अससुद्दीन ओवैसी ने उत्तरी विधानसभा से मैदान में बनारस वाले मिश्रा जी को उतारा है। मिश्रा का कहना है वह लोगो की तरह लोभी नहीं है । उन्हें राजनीति में किसी प्रकार का स्वार्थ नही साधना है। क्योंकि वह राजनीति में अल्पसंख्यक के हित के लिए खड़े हैं।
हरीश मिश्रा का कहना है यदि वह अन्य हिंदुओ की तरह लोभी होते तो वह भाजपा का दामन थामते। लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया वह राजनीति में समाजसेवी की भूमिका में आए हैं उनका उद्देश्य अल्पसंख्यक का विकास है। जिसके चलते उन्हें किसी अन्य पार्टी से टिकट नहीं मिला। लेकिन एआईएमआईएम ने मुझे टिकट दिया। जो इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण ह कि एआईएमआईएम एक पार्टी नहीं बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय की पार्टी है जो लोगो के लिए हितकारी कार्य करने को हमेशा खड़ी रहती है।
उन्होंने कहा, आज अगर हम किसी भी विपक्षी दल की ओर ध्यान केंद्रित करें तो वह महज अपने स्वार्थ को देख रहे हैं और सत्ता की अभिलाषा लिए लोगो को वास्तविक मुद्दों से गुमराह कर रहे हैं। लेकिन एआईएमआईएम एक ऐसी पार्टी है जो सभी के हित के लिए खड़ी है और वास्तविक मुद्दों की बात कर रही है। वही इससे यह स्पष्ट है कि एम आई एम सिर्फ अल्पसंख्यक की पार्टी नहीं बल्कि सबकी है सारे समाज की हैं यह बात असुद्दीन ओवैसी ने हरीश मिश्रा को टिकट देखकर साबित कर दी है। कि जितनी उनकी पार्टी मुसलमानों की है उतना ही दूसरे समाज की भी है।