राजद का कमान नई पीढ़ी तेजस्वी यादव के हाथ में जब से आया है सबसे बिहार में मुस्लिम यादव समीकरण पर अंधेरा छाया है जिसे कई वर्षों से सामाजिक नेता लालू यादव और डॉक्टर साहबउद्दीन ने तैयार किया था।
बिहार में राजद राज्यसभा के लिए 2 कैंडिडेट भेज सकती थी जिसमें पहला नाम लालू प्रसाद यादव अपनी खुद बेटी मीसा भारती का रखा और दूसरा नाम फैयाज का था।
और चर्चा में हीना साहब का नाम सबसे आगे था लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है तेजस्वी यादव ने जानबूझकर साहब परिवार को किनारे कर उनके जगह दूसरा विकल्प तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि बयान में लालू प्रसाद यादव ने कहा था जो मौजूदा राज्यसभा सांसद है उसे दोबारा नहीं भेजा जाएगा लेकिन शायद यह मिसा भारती के लिए जो लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं उनके लिए लागू नहीं होता और उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजा गया।
अगर राजद की बात की जाए तो सिर्फ एक परिवार की कठपुतली बन के रह गया है राजद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधानसभा परिषद की नेता राबड़ी देवी, राजद संरक्षक लालू प्रसाद यादव और पार्टी कुछ फैसले तेज प्रताप यादव भी लेते हैं।
यानी जब एक दौर हुआ करता था जब रघुवंश प्रसाद यादव और लालू प्रसाद यादव डॉक्टर मोहम्मद शहाबुद्दीन और अब्दुल बारी सिद्दीकी और नफीस साथ में मिलकर राजद को बिहार में फैलाने का काम किया था शायद लालू परिवार को छोड़कर सबको किनारे कर दिया गया है और लोगों का मानना है कि राजद सिर्फ एक परिवार की पार्टी रह गई है।
इसी बीच बिहार के सबसे बड़े सामाजिक नेता हालांकि राजद समर्थक भी रहे बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने इन सब पर गौर करते हुए सिवान में जाकर साहब परिवार से मिलने के बाद पूरे बिहार में दौरा का आगाज करेंगे।
ऑल इंडिया बेदारी कारवां अध्यक्ष नजरे आलम ने कहा अपनी वफात के बाद भी बिहार की राजनीति का केंद्र बिंदु बने सिवान के लोकप्रिय पूर्व सांसद स्वर्गीय डॉo मो शहाबुद्दीन साहब की कब्र पर दिल्ली में मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के अध्यक्ष नज़रे आलम ने पहुंचकर फातेहा पढ़ा और उनके लिए दुआए मगफिरत की.
आपको बता दें कि नज़रे आलम दिल्ली से सीधा दरभंगा के लिए रवाना होंगे जहां अपने समर्थकों और साहेब के चाहने के वालों के साथ बड़ी बैठक कर दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ सिवान के लिए प्रस्थान करेंगे.
जहां वह मरहूम शहाबुद्दीन साहेब की पत्नी हिना शहाब और यूथ आईकन ओसामा शहाब से मुलाक़ात कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करेंगे और बिहार में राजनीकतिक हिस्सेदारी को लेकर पूरा खाका तैयार करेंगे.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव बिहार में वही गलती कर रहे हैं जो उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने किया है यानी जीत सामाजिक लड़ाई को बिहार में लालू प्रसाद यादव और डॉक्टर मोहम्मद शहाबुद्दीन लड़े थे और उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और आजम खान आज उस समाज को छोड़कर नई राजनीतिक पिच तैयार की जा रही है जिसका खामियाजा लगातार अखिलेश यादव को चुनाव हार रहे हैं और वही बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बनाने में सक्षम नहीं है।