PFI” भाजपा का 2024 का चुनाव जीतने का एजेण्डा: नजरे आलम

2010 के बाद एक बार फिर बिहार को आतंकी माॅडल बनाकर पेश करना दुर्भाग्यपूर्ण: बेदारी कारवाँ

पटना- ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के अध्यक्ष नजरे आलम ने बताया के 2024 का चुनाव जीतने के लिए भाजपा PFI का इस्तेमाल कर रही है और बेकसूर युवाओं को NIA, ATS से उठवाकर जेल में डलवा रही है। अगर PFI देश के लिए खतरा है तो RSS कौनसा देशहित में है, दोनों देश के लिए खतरा है तो दोनों को प्रतिबंधित करो। एकतरफा कार्रवाई देशहित में नहीं, बल्कि भाजपा को 2024 का चुनाव जीतने के लिए है।

भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है, इसके पास न अब हिन्दू-मुस्लिम करने के लिए राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का मुद्दा बचा है, न कश्मीर और न ही बुलडोजर स्कीम का मुद्दा।

भाजपा को चुनाव जीतना है तो फिर कोई मुद्दा तो चाहिए ताकि बहुसंख्यक का वोट ठगा जा सके। इसलिए PFI से अच्छा कोई मुद्दा ही नहीं है, PFI मुस्लिम राष्ट्र की बात करता है ऐसा बोलकर मोदी एण्ड कंपनी हमारे बहुसंख्यक भाई जिन्हें हिन्दू राष्ट्र का जो फर्जी सपना दिखाकर वोट ले रहे हैं वो आगे भी जारी रहे।

जो सरकार देश की 90% प्रतिशत जमा पूंजी बेच दी हो, उससे देशहित में कुछ भी बेहतर करने की उम्मीद लगाना महा मूर्खता है। देश का युवा रोजगार के लिए भटक रहा है, तंगी के कारण पूरा का पूरा परिवार आत्महत्या कर रहा है, बेरोजगारी भुखमरी से देश जूझ रहा है।

लोगों से सरकार खाने पर टैक्स, सोने पर टैक्स, ईलाज कराने पर टैक्स वसूल रही है। जनता हिंदू-मुस्लिम पर मजा ले रही है और मोदी भक्ती में अंधी, बहरी और गुंगी बन बैठी है। समझा जा सकता है भारत कितनी तेजी से बदल रहा है।

नजरे आलम ने आगे कहा के 2010 में भी बिहार और विशेष रूप से मिथिला को आतंकियों का गढ़ बताकर अनगिनत मुस्लिम युवाओं को NIA, ATS ने जेल में डाल दिया था और मिडिया ने भी खूब सुर्खियाँ बटोरी थी। लेकिन हुआ क्या सभी बेकसूर निकले। किसी के खिलाफ कोई सबूत न NIA दे सकी न ATS, ठीक उसी तरह के माॅडल को भाजपा 2022 में अपना रही है और इसबार मिडिया सिर्फ मिथिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार को ही आतंकी मांडल साबित करने में लगी है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते बिहार पर इस तरह का गलत धब्बा लगाया जाना बिहार के हित में नहीं है। हम नीतीश कुमार जी से मांग करते हैं के जो भी मामला है उसकी निष्पक्ष जांच अपने ऑफिसर्स की निगरानी में NIA और ATS को करने लिए केंद्र सरकार से बात करें। अन्यथा आंदोलन करने पर हमलोग मजबूर होंगे और बिहार को कलंकित होने से बचायेंगे।

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