Air India को खरीदने की होड़, Tata group aur Spicejet सबसे बड़े दावेदार’

क्या 68 साल बाद “Tata Sons” Group के हिस्से आएगा ‘महाराजा’

1932 में टाटा ने शुरू की थी।Air India को 1932 में टाटा ग्रुप ने ही शुरू किया था। टाटा समूह के जे.आर.डी. टाटा इसके फाउंडर थे। वे खुद पायलट थे। तब इसका नाम टाटा एअर सर्विस रखा गया। 1938 तक कंपनी ने अपनी घरेलू उड़ानें शुरू कर दी थीं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49% पर हिस्सेदारी खरीदा था। ब्रिटेन की शाही रॉयल एयर फोर्स के पायलट Homi Bharucha टाटा एयरलाइंस के पहले पायलट थे जबकि JRD Tata दूसरे पायलट थे। JRD Tata ने karanchi से Mumbai की उड़ान भरी थी। 15 अक्टूबर 1932 को इस उड़ान के दौरान उनके जहाज में डाक थी। Mumbai से इस जहाज को नेविल विसें चेन्नई  ले गए थे। 

Air India की बिकने की प्रक्रिया:

 ऐसा सुनने में आ रहा था कि एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया जनवरी 2020 में ही शुरू कर दी गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें लगातार देरी हुई। अप्रैल 2021 में सरकार ने एक बार फिर योग्य कंपनियों से बोली लगाने को कहा। 15 सितंबर बोली लगाने का आखिरी दिन था। साल 2020 में भी टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर रुचि पत्र दिया था”। सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओएल) के नियमों में ढील दी थी जिसके बाद कर्ज में डूबे एयर इंडिया को खरीदने में कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई। नए नियमों के तहत ही कर्ज के प्रावधानों में नरमी बरती गई ताकि स्वामित्व वाली कंपनी को पूरा कर्ज न वहन करना पड़े।

Air India के लिए बोली लगाने वालों में Tata Sons (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर Ajay Singh भी शामिल थे।

 Air India को खरीदने वाले सफल बिडर को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग अलोकेशन का कंट्रोल दिया जाएगा। सफल बोली लगाने वाली कंपनी को एयर इंडिया की सस्ती एविएशन सर्विस एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी सौ प्रतिशत कंट्रोल मिलेगा। 

Air India के बिकने का कारण:

2019-20 के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, एयर इंडिया पर कुल 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज (Total Debt on Air India) है।

Air India assets होल्डिंग लिमिटेड के स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) को एयरलाइन द्वारा 22,064 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के बाद की यह रकम है। सरकार ने संसद को बताया था कि अगर एयर इंडिया बिक नहीं पाती है तो उसे बंद करना है एकमात्र उपाय है।

Home Minister Amit Shah की अध्यक्षता में होगी बैठक

अगले हफ्ते एयर इंडिया विनिवेश पर मंत्रियों की कमेटी की बैठक होगी। जिसके अध्यक्ष अमित शाह हैं, उस बैठक के बाद आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है। सरकार 15 अक्टूबर तक प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहती है ताकि दिसंबर 2021 तक एयर इंडिया को नए मालिक के हवाले किया जा सके। वैसे, DIPAM सचिव ने एक ट्विट कर टाटा ग्रुप का नाम फाइनल होने की खबर को गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि नाम फाइनल होने पर सूचित किया जाएगा।

जब सरकार ने 2018 में एयर इंडिया के लिए बोली मंगवाई थी, उस दौरान कोई भी खरीददार आगे नहीं आया, लेकिन इस बार इसे खरीदने के लिए कई लोग सामने आए हैं। जिसके बाद सरकार ने इस साल कंपनी की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया। अब अगर सबकुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक टाटा समूह के कब्जे में तीसरी बड़ी एयरलाइन आ जाएगी। वर्तमान में Tata group की Air Asia और Vistara में भी हिस्सेदारी है।

By: Tanwi Mishra

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