एएमयू के पूर्व शिक्षक पद्मश्री डॉ. वेल्लयानी अर्जुनन के निधन पर उन में शोक

अलीगढ़ 1 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के शिक्षकों और छात्रों ने प्रख्यात भाषाविद, मलयालम विद्वान और एएमयू के पूर्व शिक्षक, पद्मश्री डॉ वेल्लयानी अर्जुनन (90) के 31 मई को तिरुवनंतपुरम में निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

मलयालम के प्रोफेसर और आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. टी.एन. सतीशन ने कहा कि डॉ अर्जुनन पहले मलयालम शिक्षक थे जिन्होंने 1961 में उन के हिंदी एवं साउथ इंडियन लैंग्वेजेज विभाग में मलयालम के शिक्षक के रूप में ज्वाइन किया था।

उन्होंने कहा कि यह तुलनात्मक भारतीय साहित्य के लिए एक बड़ी क्षति है। डॉ अर्जुनन तुलनात्मक भारतीय साहित्य के क्षेत्र में पिछले साठ वर्षों से काम कर रहे थे और मलयालम साहित्य को हिंदी भाषियों और हिंदी को मलयालम भाषियों के बीच विकसित कर रहे थे।

1933 में केरल में जन्मे डॉ अर्जुनन ने केरल में अपनी शिक्षा पूरी की और बाद में जबलपुर विश्वविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से तीन डी.लिट की डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने 20 शोध विद्वानों का मार्गदर्शन किया और 100 से अधिक शोध पत्र और लेख प्रकाशित किए। उन्होंने 1975 से 1988 तक मुख्य संपादक के रूप में और 2001 से 2004 तक निदेशक के रूप में केरल राज्य के विश्वकोश प्रकाशन संस्थान में दो कार्यकाल तक सेवाएं दीं।

उन्होंने कविता, लघु कहानी, निबंध और साहित्यिक आलोचना सहित विभिन्न विधाओं में चालीस पुस्तकें लिखीं और उनकी पुस्तकें 1959 से केरल के स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों के रूप में पढ़ाई जा रही हैं।

2008 में उन्हें भारत सरकार से पद्मश्री से सम्मानित किया।