सूत्रों के अनुसार यमुना घाटों पर छठ पूजन पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा, ‘अगर लोग घाटों पर छठ नहीं मनाएंगे तो कहां पूजा होगी? सड़कों पर?’
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ सोमवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है, लेकिन अब भी दिल्ली में छठ पूजा को लेकर राजनीतिक तनातनी लगातार जारी है।
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं में जारी तनातनी के बीच पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और ‘पूर्वांचली’ समुदाय के लोगों के साथ आईटीओ के नजदीक यमुना घाट पर पूजा-अनुष्ठान कर छठ पूजा की तैयारियोंं शुरुआत कीं।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 29 अक्टूबर को अपने आदेश में यमुना के किनारों को छोड़कर “निर्दिष्ट स्थलों” पर छठ समारोह की अनुमति दी थी। डीडीएमए ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को अपने कोविड से संबंधित सभी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने यमुना घाटों पर छठ पूजा पर रोक लगा दी है जोकि अस्वीकार्य है। उन्होंने यमुना के तट पर छठ पूजा पर लगे प्रतिबंध की अवहेलना करने की बात कहते हुए कल कहा था कि मैं पूर्वांचली भाई-बहनों के साथ रहूंगा और हम आईटीओ पर छठ घाट की सफाई करके पूजा शुरू करेंगे। मैं अरविंद केजरीवाल को चुनौती देता हूं कि अगर वह रोक सकते हैं तो रोक लें।
बता दें कि, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने इस साल यमुना घाटों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी है। इसे लेकर ‘आप’ और भाजपा के बीच पिछले कई दिनों से जुबानी जंग जारी है। छठ पर्व के राजनीतिक मायने भी हैं क्योंकि पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार) के लोग भारी संख्या में दिल्ली में रहते हैं जोकि वोट बैंक के लिहाज से दोनों दलों के लिए अहम हैं।