समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद रहे कपिल सिब्बल और एक मुस्लिम चेहरा जावेद अली खान को राज्य सभा मैं भेजने के फैसले से सबको चौंका दिया है हालांकि पूर्व सांसद डिंपल यादव का भी नाम है अखिलेश यादव की पत्नी हैं इसलिए उनका नाम पहले से तय माना जा रहा था।
कपिल सिब्बल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे हैं, जबकि जावेद अली खान सपा के खाते से पहले भी राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद कपिल सिब्बल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके नामांकन के मौके पर अखिलेश यादव खुद मौजूद रहे.
आपको बता दें पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल कांग्रेस से पहले भी राज्यसभा सांसद रह चुके हैं अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद उन्होंने नामकन दाखिल कर दिया है जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे।
बता दें कि राज्यसभा की 11 सीट के लिए 24 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी अभी तीन लोगों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में है. अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं. इसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है.
आपको बता दें राज्यसभा के लिए 24 मई से 11 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हुआ समाजवादी पार्टी से राज्यसभा में 3 लोगों को भेजने में सक्षम है आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के राज्यसभा में 5 सदस्य हैं जिसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद, और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है।
कपिल सिब्बल काफी चर्चा में रहे क्योंकि उनके लिए बिहार में राजद से और झारखंड में मुक्ति मोर्चा जेएमएम से राज्यसभा के लिए जाने की बात हो रही थी लेकिन अंत में समाजवादी पार्टी के साथ राज्यसभा जाने का फैसला ले लिया है। सपा से जाने का मकसद शायद इसलिए भी हो क्योंकि बिहार और झारखंड के मुकाबले लखनऊ से दिल्ली दूर नहीं।
कपिल सिब्बल की बात की जाए तो माना जा रहा है कि आजम खान के जेल से बाहर आने में कपिल सिब्बल की अहम भूमिका रही है और आजम खान की नाराजगी दूर करने के लिए भी यह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मास्टर स्ट्रोक हो सकता है और आजम खान की नाराजगी को दूर की जा सकती है और वही सपा को एक बड़ा कानूनी सलाहकार मिल जाएगा।
2016 में कपिल सिब्बल कांग्रेस और सपा की मदद से राज्यसभा जा चुके हैं पर मौजूदा हालात में कांग्रेस के पास सिर्फ 2 विधायक हैं वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम चेहरे के पीछे यह माना जा रहा है कि मुसलमानों का सपा के खिलाफ बगावती तेवर देखते हुए अखिलेश यादव ने यह फैसला लिया जिसमें कई नाम थे इमरान मसूद और सलीम शेरवानी और जावेद अली जिसमें राज्यसभा के लिए जावेद अली के नाम पर मुहर लगा दी गई।
आपको बताएं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 विधायक हैं जिसमें 2 सीटें खाली हैं और मौजूदा 401 विधायक हैं ऐसे में 36 विधायक का एक राज्यसभा के लिए वोट चाहिए बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक हैं इस तरीके से बीजेपी 7 सीट जीतने में कामयाब रहेगी और सपा के पास 125 विधायक मौजूद हैं जो बहुत आसानी से 3 सीट जीतने में कामयाब होगी लेकिन 11 सीटें ऐसी हैं जिसमें सपा और बीजेपी में कड़ा मुकाबला देखा जा सकता है और एक दूसरे के खेमे को अपने तरफ लाने की कोशिश की जा सकती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बीजेपी सपा कितने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारेंगे यह भी कहा नहीं जा सकता पर राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास 2 विधायक हैं कांग्रेस के पास भी 2 विधायक हैं और बसपा जो 2009 में जिस की सरकार थी आज के दौर में सिर्फ एक विधायक है और हैरानी की बात यह है कि जनसत्ता दल के दो विधायक का समर्थन भाजपा को मिल सकता है कांग्रेस और भाजपा का किसी भी दल से कोई गठबंधन नहीं है जिसके कारण वह वोट देने के लिए किसी को भी आजाद है लेकिन राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बसपा का एक वोट भाजपा के खेमे में ही जाएगा और कांग्रेस के पास मजबूरी है सपा के इलावा कोई विकल्प नहीं।