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नहीं रहे पाकिस्तान को एटम बम देने वाले वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कदीर खान
पाकिस्तान के एटम बम के जनक अब्दुल कादिर खान का निधन हो गया है। भोपाल में जन्मे अब्दुल कादिर खान कोरोना पॉजिटिव होने के बाद लंबे समय से बीमार थे और सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद लंबे समय से बीमार चल रहे पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक अब्दुल कादिर खान का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि अब्दुल कादिर खान ने इस्लामाबाद स्थित एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। भोपाल में जन्मे अब्दुल कदिर खान को पाकिस्तानी परमाणु बम का विस्फोट करने के बाद देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया था। पाकिस्तान में उन्हें हीरो की नजर से देखा जाता था लेकिन दुनिया में वह परमाणु बम की तकनीक दूसरे देशों को तस्करी करने के लिए बदनाम थे।
शनिवार को फिर से स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अब्दुल कदिर को सांस लेने में तकलीफ थी। रविवार सुबह उनका निधन हो गया।पिछले दिनों जब अब्दुल कादिर खान अस्पताल में भर्ती थे, उस समय पाकिस्तानी पीएम इमरान खान उन्हें देखने तक नहीं गए थे। इस पर पाकिस्तानी परमाणु बम के जनक ने इमरान खान को जमकर सुनाया था। उत्तर कोरिया से लेकर कई देशों में परमाणु तकनीक की तस्करी को लेकर कुख्यात रहे पाकिस्तानी एटम बम के जनक अब्दुल कादिर खान पिछले दिनों जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज़ खट्टक ने ट्वीट कर उनके निधन को दुखद बताते हुए पाकिस्तान के लिए बड़ा नुकसान बताया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी ट्वीट कर डॉ क़दीर ख़ान के निधन पर गहरा शोक जताया है. अपने ट्वीट में इमरान ख़ान ने लिखा है, ”डॉ अब्दुल क़दीर ख़ान का निधन बहुत ही दुखद है. उन्हें मुल्क को लोग बहुत प्यार करते थे क्योंकि पाकिस्तान को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने में उनकी अहम भूमिका थी. इससे पाकिस्तान को एक आक्रामक परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी से सुरक्षा मिली. पाकिस्तानियों के लिए वो राष्ट्रीय प्रेरक थे.”
पाकिस्तान परमाणु कार्यक्रम में जनक कहे जाने वाले कादिर खान को परमाणु प्रसार की बात स्वीकार करने के बाद पद से हटा दिया गया था। पाकिस्तान ने पड़ोसी भारत से होड़ करते हुए 1998 में पहले एटम बम का परीक्षण किया था। खान को जब से पद से हटाया गया है तभी से वह भारी सुरक्षा के बीच इस्लामाबाद एक इलाके में अलग-थलग रहते थे। हालांकि, प्रशासन का कहना था कि उन्हें सुरक्षा कारणों से इस तरह से रखा गया था।
परमाणु बम की तकनीक कई देशों को बांटी
कादिर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को एटम बम बनाने के लिए मदद दी थी। कादिर ने उन्हें यूरेनियम संवर्धन के लिए सप्लाई डिजाइन, हार्डवेयर और मटीरियल उपलब्ध कराने में मदद की थी। अंतरराष्ट्रीय निगरानी एजेंसी आईएईए ने कहा था कि कादिर न्यूक्लियर ब्लैक मार्केट का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे और विभिन्न देशों के लोगों की इसमें मदद की.
कादिर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया को एटम बम बनाने के लिए मदद दी थी। कादिर ने उन्हें यूरेनियम संवर्धन के लिए सप्लाई डिजाइन, हार्डवेयर और मटीरियल उपलब्ध कराने में मदद की थी। अंतरराष्ट्रीय निगरानी एजेंसी आईएईए ने कहा था कि कादिर न्यूक्लियर ब्लैक मार्केट का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे और विभिन्न देशों के लोगों की इसमें मदद की.
By; Poonam Sharma
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