सीमांचल के बाद मिथिलाँचल पर नजर, देश के मुसलमान और दलितों के लिए मजलिस एक बेहतर विकल्प है
पटना: मंगलवार को ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के प्रदेश कार्यालय में ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार की जानी-मानी शख्सियत नजरे आलम नेक व शोषितों की निर्भीक आवाज ने पटना के प्रदेश कार्यालय में मजलिस पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल हो गए हैं. नजरे आलम ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष व अमोर विधायक अख्तरूू -ईमान, मजलिस यूथ अध्यक्ष एडवोकेट आदिल हसन और प्रदेश महासचिव इंजीनियर आफताब आलम की मौजूदगी में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन का दामन थाम लिया है। ये बातें अब यकीनी तौर पर कही जा सकती है के अब बिहार में राजनीति खेला शुरू हो गया है और मजलिस पार्टी सीमांचल से निकलकर मिथिलाँचल की तरफ अपना कदम बढ़ा चुकी है। पार्टी से जुड़े नेताओं का साफ कहना है कि अब मजलिस इत्तिहाद-उल-मुस्लिमीन बिहार में पार्टी को मजबूत करेगी और चुनाव लड़ेगी। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने नजरे आलम का उत्साहपूर्वक स्वागत करते हुए कहा कि अब हमारी पार्टी पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ रही है और हम पूरे बिहार में लोगों को अपनी पार्टी से जोड़ेंगे और गरीब, शोषित, दलित तबके के साथ हो रहे अन्याय को भी दूर करेंगे और सरकार से आंख मिलाकर समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। वहीं, महासचिव इंजीनियर आफताब आलम और युवा अध्यक्ष एडवोकेट आदिल हसन ने नजरे आलम के पार्टी में शामिल होने का स्वागत किया और फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया और कहा कि नजरे आलम एक ऐसा नाम है जिसे परिचय की जरूरत नहीं है। नजरे आलम मिथिलाँचल समेत देश भर में जाने-माने और चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। दलितों, शोषितों और गरीबों के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं पर हमेशा बेबाकी से बोलते और साहसपूर्वक कार्य करते हैं। इनके पार्टी में शामिल होने से मिथिलाँचल के साथ-साथ बिहार में भी पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा के सीमांचल से बाहर सारण कमिश्नरी के गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में हमारी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा और बेहतर परिणाम मिला। अब हमारी पार्टी मुजफ्फरपुर कुुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में भी अपना प्रत्याशी उतार रही है। मजलिस इत्तिहाद-उल-मुस्लिमीन में मुसलमानों के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के लोग भी बड़ी तेजी से शामिल हो रहे हैं। यही वजह है कि तथाकथित सेक्युलर पार्टियों की नींदें उड़ी हुई है। सदस्यता लेने के बाद नजरे आलम ने सबसे पहले मजलिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी, अकबरुद्दीन ओवैसी, माजिद हुसैन, अख्तरूल अयमान, इंजीनियर आफताब आलम, आदिल हसन, नजमुल हसन नजमी सहित पार्टी के तमाम नेताओं का धन्यवाद किया और कहा कि देश में यही एकमात्र पार्टी है जो अल्पसंख्यक वर्ग के साथ-साथ पिछड़े वर्ग के लिए भी खुलकर बोलती है और उनके हक अधिकार के लिए लगातार काम कर रही है। पार्टी बहुत कम समय में देश में एक मजबूत राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी है। इस कामयाबी से तथाकथित पार्टियों की नींद उड़ी हुई है। पार्टी जिस तरह से काम कर रही है, निश्चित रूप से पार्टी बिहार में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सफल होगी। नजरे आलम ने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि पार्टी के संविधान का पालन हो और पार्टी पूरे बिहार में मजबूत हो। इस अवसर पर नजमुल हसन नजमी, इरफान फलाही, असद रशीद नदवी, सद्दाम हुसैन, रियाज आतेश, ओसैद अहमद, अबू बशर रब्बानी, डॉ. निजाम खान, मजहर नुमानी, कारी सईद जफर, मुहम्मद तालिब, मुहम्मद कलाम, फखरुद्दीन कमर, सफीरुद्दीन ओवैसी शादाब समेत दर्जनों जिम्मेदार लोग मौजूद थे।