1 October 2021 से 31 October तक पेट्रोल की औसत कीमत में 8 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें

हर दिन पेट्रोल की कीमतों में हो रहे बदलाव के चलते दिल्ली में आज पेट्रोल के दाम Rs. 110.04 /Ltr पहुंच गए हैं।
इससे पहले दिल्ली में आखिरी बार 2 नवंबर, 2021 को पेट्रोल की कीमतों में +0.35 रुपए की बढ़ोतरी देखी गई थी। पिछले सात दिनों में पेट्रोल में बढ़ोतरी से इसकी कीमत 2.45 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। वहीं, डीजल में 2.01 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
 इसके अलावा जानिए दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में क्‍या बदलाव हुए हैं। वहीं डीजल की कीमत 98.42 रुपये है.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में निरंतर वृद्धि के बाद देश भर में पेट्रोल की कीमतें फिर बढ़ गई हैं। पेट्रोल की कीमतों में फिर से आज 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई, हालांकि डीजल की कीमतों में आज कोई वृद्धि नहीं हुई है।
और वही श्रीलंका व नेपाल जैसे अपने पड़ोसी देशों में पेट्रोल महंगा होने के बजाय सस्ता हुआ है। सुबह छह बजे से ही नए रेट्स लागू हो जाते हैं।
पेट्रोल व डीजल की कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
एजेंसीके अनुसार कच्चे तेल के दामों में पिछले कई सत्रों में तेज गिरावट और देश में सरकार की ओर से लगने वाले एक्साइज ड्यूटी के चलते पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार रिकॉर्डतोड़ तेजी आई है
हालांकि सोमवार को वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड में गिरावट दर्ज हुई और वैश्विक मानक माने जाने वाले ब्रेंट क्रूड का दाम 0.63 प्रतिशत बढ़कर 84.25 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

सरकार को एक्साइज ड्यूटी से फायदा या नुकसान: 

आंकड़ों के मुताबिक, पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत बढ़ा है। यदि कोविड-पूर्व के आंकड़ों से तुलना की जाए, तो पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह में 79 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई है।
CGA के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
यह अप्रैल-सितंबर, 2019 के 95,930 करोड़ रुपये के आंकड़े से 79 प्रतिशत अधिक है। जाहिर से बात है, आंकड़े बता रहे की सरकार को इससे फायदा ही हो रहा। भारत अपनी कुल जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है।
“Petrol आउट ऑफ कंट्रोल, diesel 100 के पास,
इन सबमें सरसों का तेल 200 पार..”
By: Tanwi Mishra
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