धनतेरस से खुशियों का आगाज़..आज से दीपोत्सव की शुरुआत..

लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के साथ-साथ यमराज की भी पूजा की जाती है। पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है।
धनतेरस हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 2 नवंबर, दिन मंगलवार को पड़ी है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी मनाते हैं। … दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और फिर भैय्या दूज के साथ इस त्योहार का समापन होता है।
हिंदू धर्म में दीपावली एक बड़ा पर्व होता है। इस साल यह 4 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली से पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन मान्यता के मुताबिक, लोग खरीदारी करते है जिसे शुभ माना जाता है।
इस साल दिवाली कुछ खास होगी सभी के लिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा था कि हमें इस दिवाली में भी अपने स्थानीय कामगारों का ख्याल रखना है। हम जितना अधिक ‘वोकल फॉर लोकल’ होंगे, उतना ही हमारे परिवारों में खुशहाली आएगी।
उन्होंने लोगों से धनतेरस से दीवाली तक स्थानीय उत्पादों की खरीदारी का आह्वान किया था। इसके साथ यह भी कहा कि लोकल का मतलब सिर्फ मिट्टी के दीये नहीं हैं। पीएम मोदी की इस अपील के बाद लोगों लोगो में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। आइए एक नजर डालते हैं Vocal for local को लेकर चल रहे ट्रेंड पर…
इन भारतीय सामानों का किया गया है स्‍टॉक
व्‍यापारी संगठनों की मानें तो प्रमुख रिटेल सेक्टर जैसे एफएमसीजी सामान, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, खिलौने, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज और सामान, किचन के सामान और एक्सेसरीज, गिफ्ट आइटम, पर्सनल कंज्यूमेबल्स, कन्फेक्शनरी आइटम, होम फर्निशिंग, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, फुटवियर, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्सचर,वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, घर की सजावट के सामान, मिट्टी के दीयों सहित दिवाली पूजा के सामान, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, वस्त्र, शुभ-लाभ,ओम जैसे सौभाग्य के प्रतीक, गृह सज्जा के लिए देवी लक्ष्मी और अन्य देवी देवताओं के बनाए गए सामान, सजावटी वस्तुएं आदि प्रमुख क्षेत्र हैं, जहां चीनी सामानों के स्थान पर व्यापारियों ने उपभोक्ताओं की मांगों के अनुरूप भारतीय सामान को पर्याप्त मात्रा में स्टॉक कर लिया है।
बताया जाता है क‍ि दुकानदार ज‍िन देसी उत्पादों को ज्‍यादा फोकस करते हुए मंगा रहे हैं और मंगाया है उनमें विभिन्न प्रकार के आकर्षक झालरें व सजावट के विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं। ताकि चीनी उत्पादों का मुकाबला किया जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ODOP मार्ट का शुभारंभ भी किया। इन व्यवसायों और कारीगरों को एक ऑनलाइन मंच प्रदान करने की एक पहल है, ताकि वे व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंच कर बिक्री बढ़ाने में सक्षम हो सकें। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प उद्योग को राष्ट्रीय और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पे पहचान मिल सकें। यूपी सरकार के “एक जिले-एक उत्पाद” कार्यक्रम का उद्देश्य यूपी में ऐसे स्वदेशी और विशिष्ट उत्पादों और शिल्प को प्रोत्साहित करना है।
“आइए इस दिवाली को अपने प्यारे कारीगरों और विक्रेताओं के नाम से मनाएं…
आइए उन उत्पादों को खरीदें जिन्हें हम पसंद करते हैं …
आइए एक जिले एक उत्पाद की पहल का समर्थन करें “
By: Tanwi Mishra
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