Hijab Karnataka College मुस्लिम छात्राओं को हिजाब से रोकना व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप के बराबर

नई दिल्ली 8 फ़रवरी 2022

साइंटिफिक रिसर्च एकेडमी के मेनेजर यूसुफ अजहर ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब से रोकने की पृष्ठभूमि में कहा कि कर्नाटक एक धार्मिक सद्भाव वाला राज्य है लेकिन दुःखद कि यहाँ भी राष्ट्रीय एकता को तितर-बितर करने का प्रयास किया जा रहा है, उडुपी और कर्नाटक के कुछ दूसरे क्षेत्रों के कुछ स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब से रोकना ऐसे ही षड्यंत्र का हिस्सा है।

साइंटिफिक रिसर्च एकेडमी इसकी कड़ी निन्दा करती है, वेशभूषा का सम्बंध निजी पसन्द से है और यह मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता की श्रेणी में आता है इसलिए इसको विषय बना कर समाज में कलह उत्पन्न करना उचित नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपनी पसंद की वेशभूषा धारण करे.

साइंटिफिक रिसर्च एकेडमी के मेनेजर यूसुफ अजहर ने बताया भारत में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि कोई व्यक्ति या समूह अपनी धार्मिक पहचान को उजागर न करे, हाँ यह बात अवश्य धर्मनिरपेक्षता में शामिल है कि सरकार किसी धर्म विशेष की पहचान को सभी नागरिकों पर उसकी इच्छा के विपरीत न थोपे।

साइंटिफिक रिसर्च एकेडमी के मेनेजर यूसुफ अजहर ने इसलिए कर्नाटक सरकार को चाहिए कि दूसरे सरकारी स्कूलों में न किसी विशेष वेशभूषा को पहनने का आदेश दे और न किसी समूह को उसकी पसन्द की वेशभूषा धारण करने से रोके।

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