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सोमवार यानी 8 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कार प्रदान किए। कुल 119 लोगों को ये पुरस्कार दिए गए।
10 लोगों को पद्म भूषण, 7 को पद्म विभूषण और 102 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वाले कुल 119 लोगों में 29 महिलाएं और एक ट्रांसजेडर भी शामिल है।
पद्म पुरस्कार पाने वालों में शामिल एक्ट्रेस कंगना रनोट, सिंगर अदनान सामी, स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी पीवी सिंधु और मेरी कॉम, बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा, शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र उन नामों में आते हैं जिनसे हर कोई वाकिफ है।
इनकी उपलब्धियां सबको पता है; लेकिन कल कुछ ऐसे चेहरे और तस्वीरें लोगों के सामने आईं, जिन्हें कल से पहले शायद ही कोई जानता होगा,
आज ये शक्ति, सम्मान और नए भारत की तस्वीर बन गई हैं।
हरेकाला हजब्बा- पद्मश्री
मंगलोर के 68 वर्षीय फल विक्रता हरेकाला हजब्बा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, उसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। संतरे बेचकर रोजाना 150 रुपए कमाने वाले हरेकाला हजब्बा ने एक प्राइमरी स्कूल खड़ा करवा दिया। राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने के लिए वे सादी सफेद शर्ट और धोती पहनकर पहुंचे, तो हर कोई उनकी सादगी का कायल हो गया।
तुलसी गौड़ा: पद्मश्री
नंगे पैर खड़ीं कर्नाटक की 72 वर्षीय आदिवासी महिला तुलसी गौड़ा की ये तस्वीर 1000 शब्दों के आगे भारी है। उन्हें कल पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वे कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन पौधों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान के चलते उन्हें इन्साइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट कहा जाता है।
मोहम्मद शरीफ- पद्मश्री
अयोध्या के रहने वाले 83 साल के साइकिल मैकेनिक मोहम्मद शरीफ को भी पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें यह पुरस्कार समाज कल्याण के लिए दिया गया है। शरीफ चाचा के नाम से मशहूर मोहम्मद शरीफ ने अब तक 25 हजार से भी ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार किया है।
राहीबाई सोमा पोपेरे- पद्मश्री
बीज माता या सीड मदर के नाम से जानी जाने वाली राहीबाई सोमा पोपेरे को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया। वे महाराष्ट्र के अहमदनगर की महादेव कोली आदिवासी जनजाति की किसान हैं। उन्होंने अपने परिवार से खेती की पारंपरिक विधियां सीखीं और जंगल के संसाधनों का ज्ञान एकत्र किया।
हिम्मताराम भांभू जी- पद्मश्री
राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले हिम्मताराम भांभू पिछले 25 साल से पेड़ों के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। राजस्थान के कम पेड़ वाले जिलों जैसे नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, सीकर, अजमेर में वे अब तक साढ़े पांच लाख पौधे रोप चुके हैं। पर्यावरण को समर्पित इस अहम योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया।
मंजम्मा जोगती- पद्मश्री
जोगती नृत्य जोगप्पा लोगों का लोक नृत्य है। इस पारंपरिक लोक नृत्य को जो महिलाएं करती हैं, वह आमतौर पर ‘ट्रांस वीमेन’ होती हैं। मंजम्मा जोगती भी ट्रांस वीमेन हैं। ये मुख्यतः उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में रहती हैं। उनके नृत्य के लगाव को देखते हुए साथी जोगप्पा ने उन्हें एक लोक कलाकार से मिलवाया। उसका नाम था, कालव्वा। इन्होंने मंजम्मा से नृत्य करने को कहा।
मंजम्मा धीरे-धीरे लीड रोल करने लगीं। उनका थिएटर और नृत्य में मन लग गया। अब उनके नाम भर से शो चलने लगे। मंजम्मा अब जोगती नृत्य की पहचान बन गई थीं। उन्होंने ही इस नृत्य को आम जनमानस में पहचान दिलाई। डेक्कन हेराल्ड से बातचीत में वह कहती हैं, ‘सच कहूं तो मैंने ये नृत्य इसलिए नहीं सीखा क्योंकि मेरा बहुत मन था। मैंने ये नृत्य इसलिए सीखा ताकि अपनी भूख से लड़ सकूं। इससे अपनी जिंदगी चला सकूं।
श्री केवाई वेंकटेश
केवाई वेंकटेश ने अपने करियर की शुरुआत 1994 में की थी जब उन्होंने जर्मनी में आयोजित पहले पैरालिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वेंकटेश (44) बेंगलुरु में रहते हैं|
वह वर्तमान में कर्नाटक पैरा-बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव है| वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाले वेंकटेश का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
क़ाज़ी सज्जाद अली ज़हीर
अंग्रेज़ी से अनुवाद किया गया कॉन्टेंट-लेफ्टिनेंट कर्नल काज़ी सज्जाद अली ज़हीर बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के एक अनुभवी हैं। बांग्लादेश सरकार ने युद्ध में उनकी बहादुरी के लिए उन्हें बीर प्रोटिक की उपाधि से सम्मानित किया। उन्हें 9 नवंबर, 2021 को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
रानी रामपाल
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को भी राष्ट्रपति ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। रानी की कप्तानी में महिला टीम ने इस बार ओलिंपिक में जबरदस्त प्रदर्शन किया।
पद्म विभूषण (7)
- शिंजो आबे- पब्लिक अफेयर्स, जापान
- एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत)-कला, तमिलनाडु
- डॉक्टर बेले मोनप्पा हेगड़े- मेडिसिन, कर्नाटक
- श्री नरिंदर सिंह कपनी (मरणोपरांत) साइंस एंड इंजीनियरिंग, USA
- मौलाना वहीदुद्दीन खान – अध्यात्मवाद (Spiritualism), दिल्ली
- बीबी लाल- पुरातत्व, दिल्ली
- सुदर्शन साहू- कला, ओडिशा
पद्म भूषण (10)
- कृष्णन नायर शांतकुमारी- कला, केरल
- तरुण गोगोई (मरणोपरांत)- पब्लिक अफेयर्स, असम
- चंद्रशेखर कंबरा- साहित्य एंव शिक्षा, कर्नाटक
- सुमित्रा महाजन- पब्लिक अफेयर्स, मध्य प्रदेश
- नृपेंद्र मिश्र, सिविल सर्विस, उत्तर प्रदेश
- राम विलास पासवान (मरणोपरांत)- पब्लिक अफेयर्स, बिहार
- केशुभाई पटेल (मरणोपरांत)- पब्लिक अफेयर्स, गुजरात
- कल्बे सादिक (मरणोपरांत)- अध्यात्मवाद, उत्तर प्रदेश
- रजनीकांत देवीदास, उद्योग, महाराष्ट्र
- तरलोचन सिंह, पब्लिक अफेयर्स, हरियाणा
भारत रत्न: भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह पुरस्कार उस व्यक्ति को दिया जाता है जो कला, साहित्य या विज्ञान की उन्नति हेतु कोई अत्यधिक अलौकिक कार्य करता है। यह उच्चतम श्रेणी की समाज सेवा प्रदान करने के लिए भी दिया जाता है।
पद्म विभूषण: पद्म विभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा उच्च नागरिक सम्मान है. यह पुरस्कार किसी भी चित्र में राशि और उल्लेखनीय सेवा प्रदान करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवा भी शामिल है।
पद्म भूषण: पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ठ सेवा प्रदान करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। इसमें सरकारी सेवाएं भी शामिल हैं।
पद्म श्री: यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा प्रदान करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है। इसमें सरकारी सेवाएं भी शामिल हैं।पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है।
By: Tanwi Mishra