बैरिस्टर आसिफ अली सरदार भगतसिंह के वकील थे
वह स्वतंत्रता संग्राम के नेताओ में से थे
गांधी जी से बहुत करीबी ताल्लुक था उनके कहने पर दिल्ली असेम्बली का चुनाव भी लड़ा और जीत हासिल की
बैरिस्टर आसिफ अली ने बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों के मुकदमे लड़े जिन में सरदार भगतसिंह का मुकदमा भी था
लाल किला ट्रायल के नाम से मशहूर मुकदमा जिस में आजाद हिन्द फौज के मेजर जनरल शाहनवाज हुसैन , कर्नल गुरु बख्श सिंह ढिल्लन और कर्नल प्रेम सहगल पर मुकदमा चला था बचाव पक्ष की ओर से सर तेज बहादुर सप्रू के नेतृत्व वकीलों के एक दल तैयार हुआ जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू व बैरिस्टर आसिफ अली सदस्य थे
इसके अलावा कराची कोर्ट ट्रायल जो कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध मशहूर मुकदमा था उस में भी बैरिस्टर आसिफ अली बचाव पक्ष के वकील थे
1946 में जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी सर्वदलीय सरकार में बैरिस्टर आसिफ अली रेलवे व ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर बनाए गए थे
आजादी के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के पहले राजदूत बनाए गए अमरीका के अलावा कई देशों में भारतीय राजदूत की हैसियत से काम किया।
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