आदिवासियों के दमन उत्पीड़न पर लिखने पे पत्रकार रूपेश को लिखना पड़ा महंगा,झारखंड पुलिस ने किया गिरफ्तार, रिहाई मंच ने उठाई आवाज

पत्रकार रूपेश कुमार को तत्काल रिहा किया जाए- रिहाई मंच।

आदिवासियों के दमन-उत्पीड़न के सच को उजागर करने की सजा दी जा रही रूपेश को।

लखनऊ 17 जुलाई 2022. रिहाई मंच ने झारखंड पुलिस द्वारा स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी कर सरकार सच की आवाज को कैद करने की कोशिश कर रही है. लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं होगी.

रूपेश कुमार सिंह पहले से ही सरकारों के निशाने पर हैं. केंद्र सरकार ने उन्हें पेगासस सूची में रखा था और उनके फोन की अवैध तरीके से निगरानी कर रही थी.

आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार के बाद रूपेश कुमार की गिरफ्तारी साफ करती है कि आदिवासी समाज के सवाल सतह पर न आ सकें, इसके लिए पूरा तंत्र लगा हुआ है.

रूपेश अपनी पत्रकारिता के माध्यम से सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में हो रहे उत्पीड़न-दमन के सवालों को सामने लाते थे.

रूपेश की गिरफ्तारी साजिश के तहत हुई. सर्च करने के बहाने उनके घर धावा बोला गया और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

गौरतलब है कि झारखंड पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को सरायकेला-खरसांवा में उनके रामगढ़ स्थित घर से गिरफ्तार किया. रूपेश का परिवार सो रहा था तभी उनके घर की तलाशी शुरू हो गयी.

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