दिनांक 8 नवंबर 2021 को मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद नदीम अंसारी के अलीगढ़ प्रथम आगमन पर उनके साथियों और छेत्रीय जनता ने किया ज़ोरदार स्वागत।
आपको बता दें कि 2बजे नदीम अंसारी अपने काफ़िले के साथ नुमाइश ग्राउंड पहुँचे वहाँ उनके स्वागत के लिये पहले से खड़े लोंगो ने जोरदार नारेबाज़ी कर उनका स्वागत किया।
आपको बता दें एएमयू छात्र संघ पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद नदीम अंसारी के मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय सचिव बनने पर नुमाइश ग्राउंड से लगभग 125 कारों के काफ़िले के साथ निकले तथा तस्वीर महल से जमालपुर होते हुए कुआरसी पार्टी कार्यालय पहुँचे। काफिला इतना विशाल था कि ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई।
एएमयू छात्रसंघ पूर्व उपाध्यक्ष एवं मौजूदा मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद नदीम अन्सारी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने मुझे जो ज़िम्मेदारी दी है उसे पूरी मेहनत से निभाऊंग और देशभर के युवाओं को समाजवादी पार्टी से जोड़ने का काम करूँगा और 2022 में निश्चित रूप से अखिलेश यादव जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।
हाल ही में एएमयू छात्र संघ के पूर्व सचिव मोहम्मद फहद को युवा सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था और फिर अब मोहम्मद नदीम अंसारी को राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी देकर समाजवादी पार्टी छात्रों का पूरे रूप से कंट्रोल अपने हाथों में लेना चाहती है अब देखना यह है कि आने वाला वक्त मैं इनकी मेहनत का समाजवादी पार्टी को सरकार में बैठाने का काम करेगी या नहीं।
गौर करने वाली यह भी बात है कि मोहम्मद नदीम अंसारी का ताल्लुक बदायूं जिले से है और मोहम्मद फहद का ताल्लुक कासगंज से है दोनों छात्र संघ के मेंबर रह चुके हैं अब सवाल यह है कि समाजवादी पार्टी ने इन्हें बड़ी जिम्मेदारी देकर अलीगढ़ के साथ कासगंज, बदायूं और आसपास के जिले यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को अपने कब्जे में लेने का मास्टर स्टॉक प्लान किया है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है अखिलेश यादव जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं वह पढ़े लिखे हैं अपने सरकार के दौरान छात्रों को लैपटॉप बांटने का काम किया था ताकि छात्र के पढ़ाई में काम आ सके और अब छात्रों का इस तरह से समाजवादी पार्टी में जाना लगता है 2022 को लेकर समाजवादी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रणनीति मजबूत तैयार कर ली है।
2018 में कासगंज दंगे हुए थे जिससे युवाओं पर गहरा असर पड़ा था जिससे लखीमपुर के रहने वाले एक शख्स ने आंख गवाही तो कासगंज से ही एक युवा ने अपनी जान गवाई।
समाजवादी पार्टी के युवा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद फहद के कंधों के ऊपर काफी जिम्मेदारी है, क्योंकि 2018 में एएमयू छात्रों पर लाठीचार्ज के दौरान मोहम्मद फहद का महत्वपूर्ण रोल रहा था उस वक्त यूनियन के सचिव भी थे तो ऐसे में कुछ सवालों के साथ उनके कंधों पर जिम्मेदारी है अब यह वक्त बताएगा कि वह अपनी जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं.
वहीं अगर बात करें 2016-17 यूनियन के दौरान मोहम्मद नदीम अंसारी चर्चा में आए थे कहा जाता है कि मोहम्मद नदीम अंसारी की सियासी सफर उनके एएमयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष का चुनाव हजारों वोट से जीतने के बाद शुरुआत हुई थी जो कि आज भी अपने दमदारी के वजह से छात्रों के बीच जाने पहचाने जाते हैं।
एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष एवं मौजूदा मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद नदीम अंसारी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र शेर एएमयू के नाम से जानते हैं जो किसी भी छात्रनेता के लिए फक्र की बात होगी।
आपको बता दें एएमयू छात्र संघ से ताल्लुक रखने वाले और मौजूदा समाजवादी नेता मोहम्मद नदीम अंसारी का खेल की दुनिया से भी गहरा ताल्लुक है घुड़सवारी के माहिर है कई मेडल और ट्रॉफी जो चुके हैं मुस्लिम हॉर्स राइडिंग क्लब के कप्तान के रूप में भी काम किया है यानी देखा जाए तब भविष्य में शिक्षा के साथ खेल का भी अनुभव और छात्र संघ की राजनीति इनके जीवन में राजनीतिक सफर में लंबे रेस का घोड़ा बनने में मदद करेगी।
छात्रों का मानना है छात्रों और युवाओं को किसी समस्या का सामना करना पड़ता है तो सबसे आगे मोहम्मद नदीम अंसारी जंगल के शेर की तरह आगे खड़े होते हैं और छात्रों और युवाओं की हित की बात करते हैं।
हाला के मुजफ्फरनगर दंगे, कासगंज दंगे और मुसलमानों से वादे किए गए 18 परसेंट मुस्लिम रिजर्वेशन, जैसे एएमयू छात्रों का पसंदीदा सवाल मोहम्मद नदीम अंसारी को हर वक्त परेशान करेगी जिसे वक्त रहते उन्हें बहुत जल्द एक बेहतर जवाब की तलाश कर लेनी चाहिए।
सीए एनआरसी एनपीआर पर सवाल हो या वंचित समाज की बात हो या फिर समाजवाद को आगे बढ़ाने का काम है मोहम्मद नदीम अंसारी हर वक्त आगे दिखाई देते हैं।
हाला के मोहम्मद नदीम अंसारी का छात्र संघ का सफर और छात्रों की राजनीति के सफर के दौरान छात्रों के बीच में काफी पकड़ बना रखी है और युवाओं के बीच में चर्चा हैं देखा जाए तो एक बड़ा युवा वर्ग नदीम अंसारी के पीछे चलने को तैयार रहता है।
अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष के साथ अब समाजवादी नेता के नाम से भी जाने जाएंगे उनके 125 कार वाले काफिले में शामिल लोग डॉ अब्दुल क़ादिर, शोएब खान, साजिद सज्जू, मोहम्मद ज़ुहेब, दानिश शेरवानी, इमरान खान, अज़हर ग़ाज़ी, नईम अली, मसूद मैराज, शाहिद करीम, कुलदीप बघेल, सुरेंद्र सिंह, फ़ुजैल अन्सारी, आमिर अन्सारी, मिस्बाह क़ैसर, शाहनवाज़ मालिक आदि सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।