करनाल में किसानों पर हुए बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज को लेकर मंगलवार को दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस केनेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल के नेतृत्व में राष्ट्रीय मावाधिकार योग से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और किसानों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
इस प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल के साथ हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा, कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक व पूर्वनेता हरियाणा कांग्रेस विधायक दल किरण चौधरी, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव, कांग्रेस के राष्ट्रीयसचिव वीरेंद्र राठौर व आशीष दुआ, हरियाणा कांग्रेस महासचिव अजय चौधरी, हरियाणा लीगल डिपार्टमेट के चेयरमैन लाल बहादुर खोवाल शामिल रहे।
ज्ञापन सौंपने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आत्मनिर्भर का नारा दे रहे हैं। मगर जिन किसानों ने हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाया, सरकार द्वारा उन किसानों पर ही लाठीचार्ज करवाया जा रहा है।
किसान बीते नौ महीनों से सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, मगर सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। भाजपा सरकार के इशारे पर किसानों पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं।
करनाल में किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया, कई किसानों को चोट आई और एक किसान की मौत भी हो गई।
इसी को लेकर आज हमने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को ज्ञापन सौंपा है।हमने मांग की है कि किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज का निर्देश देने वाले अधिकारी को निलंबित किया जाए।
सरकार सार्वजनिक तौर पर इस कृत्य के लिए माफी मांगे और किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए रास्ता निकाला जाए। साथ ही घायलों और मृतक को मुआवजा देने की घोषणा की जाएगी।
वहीं हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि आज हरियाणा कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश प्रभारी श्री विवेक बंसल जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा है और हमने मांग रखी है कि करनाल में किसानों पर हुए बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज में जो भी अपराधी हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इन अपराधियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएं।
आगे हरियाणा वासियों के अधिकारों का हनन ना हो इसके लिए हरियाणा सरकार को निर्देश दिए जाएं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हमारे संविधान ने जो अधिकार दिए हैं, करनाल में उनका हनन हुआ है। किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। काले झंडे दिखाना अपराध नहीं है।
यह सरकार हमेशा काले झंडे का जवाब लाठियों से देती है।एक अधिकारी ऐसे आर्डर दे रहा है, जिसकी लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। यह नागरिकों के अधिकारों का हनन है।
सरकार बीते नौ महीने से सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। कुरुक्षेत्र, हिसार, सिरसा, पलवल, करनाल में किसानों का खून बहाया गया। जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है।