रूस और यूक्रेन की लड़ाई को चार सप्ताह हो रहे हैं। इस युद्ध में यूक्रेन को जान और माल की भारी कीमत भी चुकानी पड़ी है। रूस ने उसके कई रणनीतिक ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की है। न्यूक्लियर प्लांट से लेकर अस्पताल, एयरपोर्ट, हथियारों के डिपो और केमिकल प्लांट भी इस जंग में तबाह हुए हैं।
हाल ही में रूस की एयर स्ट्राइक के बाद सूमी के एक केमिकल प्लांट से अमोनिया गैस रिसाव की खबरों से चिंता बढ़ गई है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक इस रिसाव का असर से पांच किमी दूर तक देखा जा रहा है। आपको बता दें कि अमोनिया गैस बेहद खतरनाक होती है। इसका रिसाव इंसान की जान तक ले सकता है।

अमोनिया गैस के रिसाव से आंखों में जलन की समस्या होती है। इसके साथ ही यदि ये सांस के साथ शरीर के अंदर चली जाती है तो इंसान के फैफड़ों को खराब कर देती है। इसके अलावा इसका असर शरीर के दूसरे अंगों पर भी पड़ता है। इसके अलावा इस गैस की हवा में मौजूदगी और सांस के साथ अंदर जाने पर खांसी, छाती में तेज दर्द, छाती में जकड़ापन, सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में यदि रोगी को तुरंत इलाज न दिया जाए तो उसकी सांस न ले पाने की वजह से बेहद दर्दनाक मौत हो सकती है।
कैसे लगता है इसका पता
कहां होता है अधिक इस्तेमाल
अमोनिया का सबसे अधिक इस्तेमाल खेतों में काम आने वाले फर्टीलाइजर बनाने में होता है। अमोनिया गैस का इस्तेमाल रेफ्रीजिरेशन वर्क में भी किया जाता है। हालांकि हमारे वार्तावरण, मिट्टी और पानी में भी इसकी मौजूदगी हमेशा बनी रहती है। इंसान के शरीर में भी इसकी मौजूदगी होती है। लेकिन यदि ये अधिक मात्रा में सांस के जरिए शरीर के अंदर जाती है तो नुकसानदायक होती है। सीरिया के घोटा शहर में हुए वर्ष 2013 के एक हमले में केमिकल अटैक के दौरान कथिततौर पर इस गैस का इस्तेमाल किया गया था। उस वक्त इस हमले के लिए सीरियाई सेना और रूस को जिम्मेदार ठहराया गया था। हालांकि दोनों ने ही इन आरोपों को गलत बताया था। इस हमले में डेढ़ हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
बचाव के उपाय
इस गैस के रिसाव होने की सूरत में अच्छा यही होता है कि उस जगह को तुरंत छोड़ दिया जाए। यदि ये संभव न हो तो ऐसी सूरत में घर के खिड़की और दरवाजों को तुरंत खोल देना चाहिए। सांस लेने के लिए रेसिपिरेटर का इस्तेमाल करना चाहिए, या फिर अपने चेहरे को अच्छे से कवर लेना चाहिए जिससे अमोनिया गैस सांस के जरिए शरीर के अंदर न जा सके। इसके अलावा यदि उस जगह को छोड़ना संभव हो सके तो हमेशा हवा से उलटी दिशा की तरफ ही जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि रिसाव होने के बाद ये गैस हवा के साथ दूर तक फैलती है। पानी के तेज छिड़काव से भी इसके असर को कम किया जा सकता है। इसकी लीकेज और अधिक मौजूदगी बड़े धमाके की भी वजह बन सकती है।