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Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुए कांड पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है.
गुरुवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया गया. साथ ही मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्र मोनू को बयान दर्ज कराने के लिए क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को सुबह 10 बजे तलब किया है.
पुलिस ने दो लोगों से हिरासत में की पूछताछ
तिकुनिया में रविवार को उपद्रव और हिंसा के मामले में चार किसानों सहित आठ लोगों की मृत्यु के मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को गुरुवार दोपहर बाद हिरासत में ले लिया. उन्हें खीरी की पुलिस लाइन में बने अस्पताल में पूछताछ के लिए लाया गया. करीब तीन घंटे तक चली इस पूछताछ की कमान खुद रेंज की आइजी लक्ष्मी सिंह ने संभाली.
आशीष मिश्रा के ठिकानों पर पुलिस की दबिश
इससे पहले आईजी लक्ष्मी सिंह ने मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्र मोनू को पर्यवेक्षण समिति के सामने पेश होने के लिए नोटिस भेजने की बात कही थी, जिसके बाद पुलिस ने आशीष मिश्र मोनू की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी. इससे कयास लगाए जा रहे हैं की आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी.
सबूतों के साथ पेश होने का आदेश
नोटिस में मोनू को आदेशित किया गया है कि वह खीरी जिले की तिकुनिया कोतवाली में दर्ज हत्या समेत कई धाराओं के मुकदमे के आरोपित हैं और इस मामले में उनको पुलिस की अपराध शाखा में पेश होना है. उनको शुक्रवार सुबह दस बजे पुलिस लाइन स्थित अपराध शाखा के कार्यालय में उनके पास मौजूद सभी साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है.पुलिस की टीमें कर रही हैं जांच
आइजी रेंज ने कहा कि पुलिस की तकनीकी व विशेषज्ञों की टीम दो बार मौके का मुआयना कर चुकी है और सुबूत का परीक्षण कर रही है. पिता अजय मिश्रा टेनी के विधायक बनने के बाद क्षेत्र में आशीष मिश्रा का रुतबा बढ़ता गया। विधायक के रूप में अजय मिश्रा के कामकाज को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया और 2014 में लखीमपुर से सांसदी का टिकट दिया।
लोग ही जानते थे। मोनू केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। कभी निघासन विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट का दावा कर रहे आशीष मिश्रा को कुछ स्थानीय लोग जानते थे। यूपी के कुछ लोग उन्हें पहचानते थे। आज पूरा देश उन्हें जानने लगा है लेकिन यह छवि किसी नायक की नहीं बल्कि खलनायक की बन चुकी है। लखीमपुर घटना में पुलिस के सामने आशीष की 10 बजे तक पेशी होनी थी, पर वह अब नहीं आए हैं।
लखीमपुर खीरी में गाड़ियों के काफिले ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया। इस काफिले में सबसे आगे थार चल रही थी। सबसे पहले थार किसानों को कुचलते हुए तेजी से आगे बढ़ी और फिर पीछे से अन्य दो गाड़ियां निकलीं। किसानों का आरोप है कि यह थार अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ही चला रहा था।
विपक्ष से लेकर किसान संगठन और स्थानीय लोग आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों ने भी कहा ही के जब तक मोनू गिरफ्तार नहीं होता उन लोगों को न्याय नहीं मिलेगा। इधर कुछ चैनल्स का दावा है कि आशीष मिश्रा गिरफ्तारी से बचने के लिए नेपाल भाग गया है। आपको बताते हैं आशीष मिश्रा की पूरी कुंडली।
2012 से राजनीति में हुए ऐक्टिव
आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री के छोटे बेटे हैं। साल 2012 में पिता को विधायकी का टिकट मिलने के साथ ही वह राजनीति में ऐक्टिव हो गए थे। साथ ही पिता के पेट्रोल पंप और राइस मिल वगैरह का बिजनस भी देखते थे।
ऐसे बीजेपी नेताओं के आए करीब
आशीष मिश्रा कैसे पिता के छत्रछाया में बीजेपी के बड़े नेताओं के करीब आते गए, यह उनकी फेसबुक अकाउंट को खंगालने पर पता चलता है। उनकी फेसबुक पोस्ट को देखें तो 2018 से पहले आशीष आमतौर पर अपने पिता के काम ही शेयर करते थे। धीरे-धीरे वह न सिर्फ बीजेपी नेताओं के करीब आते चले गए, बल्कि इस विधानसभा चुनाव में टिकट के तगड़े दावेदार के तौर पर भी उभर गए।
पिता के चुनाव प्रचार की संभाली जिम्मेदारी
जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अजय मिश्र टेनी को 2012 में बीजेपी ने लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से टिकट दिया था। उस वक्त उनके चुनाव प्रचार का जिम्मा बेटे आशीष मिश्रा ने संभाला था। दोनों की कड़ी मेहनत और अजय मिश्रा की लोकप्रियता के बदौलत यहां बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि सरकार सपा की बनी थी।
पिता के विधायक बनने के बाद क्षेत्र में आशीष मिश्रा का रुतबा बढ़ता गया। विधायक के रूप में अजय मिश्रा के कामकाज को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया और 2014 में लखीमपुर से सांसदी का टिकट दिया। इस बार भी बेटे आशीष ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली और पिता को लोकसभा पहुंचाने में मदद की।
2019 लोकसभा चुनाव में अजय मिश्रा टेनी को एक बार फिर लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की। इसी साल जुलाई में हुए मोदी कैबिनेट विस्तार में उन्हें भी जगह दी गई और अजय मिश्रा को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 2022 के चुनाव में आशीष को निघासन से टिकट दिए जाने की संभावना बढ़ गई।
लगातार निघासन में सक्रिय रहे आशीष मिश्रा
आशीष मिश्रा की फेसबुक प्रोफाइल को देखें तो वह लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। निघासन में हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में वह शामिल होते रहे हैं। पिछले दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में स्मार्ट फोन भी बांटे।
By Poonam Sharma
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