कांग्रेस के तमाम सोशल मीडिया के ऑफिसियल हैंडल से एक पोस्टर ट्वीट/पोस्ट किया जाता है। उस पोस्टर में टोपी लगाए मुसलमानों को पत्थरबाज और नफ़रत फैलाने वाला दिखाया/बताया जाता है। सबसे पहले कांग्रेस के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था जब मुसलमानों ने विरोध करना शुरू किया तो वहां से डिलीट कर दिया गया। जब विरोध तेज़ हुआ तो धीरे धीरे सभी कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट/पोस्ट डिलीट किया जाने लगा।
अहमदाबाद मुस्लिम नरसंहार, नेली मुस्लिम नरसंहार, हाशिमपुरा, मलियाना, मुरादाबाद ईदगाह और भागलपुर जैसे सैकड़ों मुस्लिम नरसंहार और लाखों मुसलमानों का क़त्ल-ए-आम कांग्रेस की ही सरकार में हुआ था। देशभर में नफ़रत की जड़ें मज़बूत करने वाली कांग्रेस ही है और आज वही कांग्रेस नफ़रत मिटाने की बात कर रही है। नफ़रत मिटाने की बात करने के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैला रही है।
मैंने कल ही आपसे कहा था। सोशल मीडिया आज के दौर में मुसलमानों के लिए नेअमत है। इसका बेहतर इस्तअमाल कीजिए और मैं एक बार फिर आपको सलाह दे रहा हूँ कि आप ट्विटर जॉइन कीजिए। अपनी आवाज़ मज़बूती से उठाइए। ज़ुल्म-ओ-ज़्यादती के ख़िलाफ़ लिखिये/बोलिये।
परचम पार्टी ऑफ इंडिया।