हमीरपुर। Loksabha Election 2024
Ruc News : राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल प्रदेश सचिव एवं बुंदेलखंड प्रभारी मुबारक खान ने आज हमीरपुर शहर मे मुस्लिम समाज के अहम लोगों से मुलाक़ात की और इस लोकसभा चुनाव के बाद एक अपील से साथ लोगों से दरखास्त की आज हमे अपने समाज को मजबूत करने के लिए जागरूक होना और करना जरूरी है जिससे उन्हे सही शिक्षा,रोजगार,नौकरी और अधिकार मिल सके लेकिन हम आप चुनाव के बक्त नेताओं के लालच भरी बातो मे आकर उनके पक्ष मे वोट करके उन्ही से शोषित किए जा रहे है फिर भी हम खुश रहते है।
Rashtriya Ulama Council ने जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने की शुरुआत की आज हम देश के बड़े बड़े मुद्दों पर जमीन पर खड़े होकर संघर्ष किए चाहे वो आर्टिकल ३४१,तीन तलाक,फर्जी एनकाउंटर,CAB, NRC आदि बड़ो मसलो पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला कार्यकर्ता जेल गए मुकद्दमे लगाकर सरकार ने परेशान किया लेकिन संघर्ष किया आज हमे खुशी है की राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल के तर्ज पर कई लोग काम कर रहे है।
मुस्लिम भाजपा हराओ अभियान से हटकर अपनी ताकत को पहचाने और अपनी कयादत को मजबूत करे।
मुसलमानों को भाजपा हराने का ऐतिहासिक जुनून सवार है।ये जुनून 1984 के आठवीं लोकसभा चुनाव से है तब भाजपा के सिर्फ़ 2 सासंद जीते थे।सिर्फ़ 7.74% वोट शेयर हासिल हुआ था।
उसके बाद 1989 में फिर जुनून सवार हुआ इस बार भाजपा 85 सीट जीती वोट शेयर बढ़कर 11.36% हो गया।
मुसलमान इतने पर भी नहीं माने 1991 में फिर कमर कसी इस बार भाजपा 120 सीट और 20.11% वोट शेयर हासिल करती है।
वर्ष 1996 में फिर लोकसभा चुनाव हुए इस बार 161 सीट 20.29% वोट हासिल हुआ।भाजपा का विजय रथ उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा था सीट भी बढ़ रही थी और वोट शेयर भी।मुसलमान अब भी मानने को तैयार नहीं थे।1998 में फिर चुनाव हुए भाजपा की सीट बढ़कर 182 और वोट शेयर 25.59% हो गया।
1991 में अगला चुनाव हुआ इस चुनाव में 2% वोट शेयर घटा मगर सीट 182 ही रहीं।इस चुनाव में पाई सफलता के आधार पर भाजपा ने पूरे पाँच साल शासन किया।मुसलमानों ने अपनी ज़िद थोड़ी कम की तो नतीजा ये हुआ कि 2004और 2009 में भाजपा की सीटें भी कम हुई और वोट शेयर भी कम हुआ और भाजपा सत्ता से बेदख़ल भी हो गई।
लेकिन 2014 में जैसे ही भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया पूरे मुल्क में मुसलमानों ने एकतरफ़ा विरोध किया।हर क्रिया की प्रतिक्रिया है।जमकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हुआ।मुसलमानों को ज़िद सवार थी।इस ज़िद को खाद पानी देने के काम कांग्रेस और सो कॉल्ड सेक्युलर पार्टीज़ ने किया।
2014 में नतीजा क्या हुआ भाजपा की आंधी में सभी दल उड़ गए।पहली बार भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत का प्राप्त कर चुकी थी।282 सीट 31.34% वोट शेयर।ये भारतीय लोकतंत्र में ऐतिहासिक क्षण था जब किसी दक्षिणपंथी पार्टी ने अपने दम पर सरकार बना ली थी।
2019 में मुसलमानों ने एक बार फिर कमर कसी इस बार भाजपा 303 सीट 37.46% वोट शेयर।
अंधविरोध ने भाजपा को 2 से 303 तक पहुँचा दिया।
2024 में भी मुसलमान पूरी ताक़त से भाजपा हराने जा रहा है लेकिन कैसे और किसके सहारे अपना कोई बैनर नही अपनी कोई कयादत नही अपना कोई नाम पहचान नही फिर केवल INDIA गठबंधन के सहारे जो किसी भी मजबूत मुस्लिम कयादत को साथ लेकर नही चलना चाहती है जिसका नकोईत्व कांग्रेस कर रही है जिसने आर्टिकल 341 से मुस्लिम आरक्षण की छीना आज मुस्लिम अनुसूचित जाति एवं जनजाति से ताल्लुक रखने बाली सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार नही होगा सिर्फ गैर मुस्लिम ही चुनाव लड़ेंगे।खैर आज जहां भी मुस्लिम प्रत्याशी है जिस पार्टी से है उसे हमे जिताकर संसद मे भेजना है जिससे आपके मसलो पर बात करने के लिए एकजुटता दिखे और कामयाबी मिले लेकिन यह कोशिश कीजिए की अपनी ताकत को मजबूत करने के लिए आपकी खुद की कयादत मजबूत करने पड़ेगी अन्यथा ऐसे ही हम दरी और कुर्सी बिछाके इनके नेताओं की हुकुमरानी करते रहेंगे आज सोचने की जरूरत है की हम कहाँ आकर खड़े है हमारी शिक्षा,नौकरी,स्वस्थ,अधिकार किस तरह से छीने जा रहे है उसे बचाने के लिए मजबूत होना जरूरी है।* इस चुनाव मे बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़े रहिए मजबूत प्रत्याशी के साथ लेकिन चुनाव बाद अपनी ताकत को मजबूत करने के लिए एकजुट हो .
– एडवोकेट मुबारक खान बुंदेलखंड प्रभारी एवं प्रदेश सचिव
– राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल उत्तर प्रदेश