Loksabha Election 2024 और मुस्लिम बहुल संसदीय क्षेत्र ? किसकी होगी मजबूत पकड़

Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव मे मुस्लिम समाज को अपनी अहमियत समझने की जरूरत — एडवोकेट मुबारक खान

हमीरपुर । Rashtriya Ulama Council के प्रदेश सचिव एवं ruc बुंदेलखंड प्रभारी एडवोकेट मुबारक खान ने प्रेसवार्ता करते हुए मुस्लिम समाज को 2024 लोकसभा चुनाव मे अपनी अहमियत समझने के लिए हिंद राष्ट्र न्यूज़ चैनल के जरिए अपनी बात रखते हुए बताया की वर्तमान मे केंद्र सरकार जितनी घातक मुस्लिम विरोधी मसलों पर विगत 10 साल के कार्यकाल मे खुद को साबित करते हुए देश मे महगाई,बेरोजगारी,अशिक्षा,अन्धभक्ति,अपराध,चोरी,लूट,माब्लीचिंग जैसी अनेक घटनाए दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ,समाज विरोधी कानून बनाकर जनहित के मुद्दों से भटकाकर लोगो को गुमराह करने की कोशिश की जा रही वही समाज के ठेकेदारी करने बाली पार्टी कांग्रेस, सपा,बसपा,आरजेड़ी,आरएलडी,लोकदल,टीएमसी,अन्य जो सेकुलर होने का फर्जी ढोंग करती है जो दलित,बंचित,अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज पर होने बाले जुल्मो को अनदेखा कर उनका सेकलुर्जम दूर दूर तक नजर नही आता है।

Muslim dominated Lok Sabha Seat in UP

Rashtriya Ulama Council उप्र सचिव मुबारक खान ने बताया की उनकी पार्टी लगातार 2008 से समाजहित मे काम करते हुए हर सम्भव मजलूमो को न्याय दिलाने के लिए हमेशा तत्पर रहती है जिसकी नींव Maulana Aamir Rashadi Madani साहब ने रखी आज देश के 14 राज्यों मे इसी सोच के साथ लोगो के जुल्मो के खिलाफ खड़ी है।

आज हमे जरूरत है की मुस्लिम समाज मे जुम्मन और अब्दुल मिया बहुत है और वो अपने आकाओ ने अपनी मसलो पर बात नही कर सकते हैं लेकिन देश मे कई लोकसभा सीटें है जिनमे मुस्लिम वोटो की अहम भूमिका रहती है क्या वहाँ वह अपने हक के लिए उनसे अपने लोगो की या कौम की मजबूत ईमानदार पार्टी जो अपने अपने क्षेत्रो मे मजबूती से लोगो के भरोसे पर कायम है उनके लिए कुछ सीटें 2024 मे मागने का प्रयास करे जिससे जो नियम कानून बनाने बाली पीठ का भी हिस्सेदारी हमारी कौम के लोगो मौजूद रहकर लागू लोने न होने की बकालत संसद मे कर सके।

एडवोकेट मुबारक खान ने देश मे सर्वाधिक लोकसभा सीट बाले प्रदेश उप्र मे मुस्लिम समाज की सेकुलर पार्टी की अंधभक्ति,और अपने वोटो की कीमत इस प्रकार बताई।

उत्तर प्रदेश की लोकसभा राजनीति और मुस्लिम केंद्रित सीटें 👇

UP Loksabha Election 2024 उत्तर प्रदेश की लोकसभा की राजनीति की बात करें तो यहां पर 80 लोकसभा सीटें हैं। आगामी Loksabha Election 2024 के मद्देनजर सभी पार्टियां अपने गुणा गणित में व्यस्त है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा एकतरफ़ा तौर पर जीत रही है।

मोटे तौर पर बात की जाए तो यहां की लोकसभा राजनीति चार मुख्य पार्टियों के दरमियान केंद्रित हैं। बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस इसके मुख्य खिलाड़ी हैं। इसके अलावा और भी बहुत सारी छोटी-मोटी पार्टियां यहां की राजनीती में सरगर्म हैं।

Most Muslim Vote Percentage Loksabha Seat

अब अगर मैं मुस्लिम राजनीति और मुस्लिम मतदाताओं के हिसाब से इन 80 लोकसभा सीटों को देखूं तो पता चलेगा कि रामपुर और संभल की दो सीटें मुस्लिम बहुल अर्थात 50% से ज्यादा मुस्लिम मतदाता वाली सीटें हैं।

इसके अलावा छह लोकसभा सीटें मुरादाबाद, नगीना, सहारनपुर, कैराना, बिजनौर और मुजफ्फरनगर है जहां पर मुस्लिम मतदाता 40 से 50% की गिनती में पाए जाते हैं।

इसके अलावा पांच सीटें ऐसी भी है जहां पर मुस्लिम मतदाताओं की गिनती 31 से लेकर 40% तक है इनमें अमरोहा, श्रावस्ती, मेरठ, बहराइच और आंवला की सीट शामिल है।

Muslim Majority Loksabha Seat in UP

इसके अलावा एक बड़ी गिनती में ऐसी सीटें हैं जहां पर मुस्लिम आबादी 20 से 30% के दरमियान है और यह मुस्लिम राजनीति के हिसाब से काफी अहम मानी जाती है। इन सीटों में डुमरियागंज, बागपत, बरेली, बदायूं, गाजियाबाद, पीलीभीत, कैसरगंज, गोंडा बाराबंकी, बुलंदशहर, लखनऊ, मोहनलालगंज, खीरी, धौरहा, सीतापुर और अलीगढ़ जैसी सीटें शामिल है।

यहां पर ध्यान दीजिएगा कि मुस्लिम केंद्रित लोकसभा सीटों की जब बात करते हैं तो दो सीटें तो ऐसी हैं जो मुस्लिम बहुल होने के बावजूद भी परिसीमन के नाम पर दलित आरक्षित है। ये सीटें नगीना और बहराइच लोकसभा सीट है। इसके अलावा बाराबंकी और मोहनलालगंज पर भी मुस्लिम मतदाता की गिनती अच्छी खासी है जो परिसीमन में आरक्षित की गयी हैं।

इसके अलावा अगर मैं बाकी सीटों की बात करूं तो कई सीटें ऐसे भी हैं जहां पर 16 से 20 फ़ीसदी के दरमियान मुस्लिम मतदाता है। जो चुनावी राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। जिसमें संत कबीर नगर, अमेठी, शाहजहांपुर, सुल्तानपुर, महाराजगंज, घौसी, गौतम बुद्ध नगर, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, कानपुर, आजमगढ़, लालगंज, मिश्रिख और वाराणसी की सीटें शामिल है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के नीचे वाली पट्टी में बड़ी गिनती में ऐसी सीटें हैं जहां पर मुस्लिम आबादी 10 से 15 फ़ीसदी के दरमियान है और चुनावी नतीजा को तब्दील करने में एक ठीक ठाक भूमिका निभाती है। इन सीटों में बस्ती, अकबरपुर, प्रतापगढ़, हाथरस, कौशांबी, देवरिया, हरदोई, फर्रुखाबाद, इलाहाबाद, फूलपुर, कन्नौज, फतेहपुर, भदोही, फिरोजाबाद, चंदौली, एटा, रायबरेली, उन्नाव, मछली शहर, जौनपुर, गाजीपुर और बांसगांव शामिल है।

इसके अलावा 14 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम आबादी बहुत कम गिनती में रहती है मगर अपना थोड़ा बहुत चुनावी मैदान में रोल जरूर अदा करती है। जिनमें जालौन, फतेहपुर सीकरी, आगरा, गोरखपुर, सलेमपुर, मथुरा, बलिया, मिर्जापुर, इटावा, हमीरपुर, बांदा, रॉबर्ट्सगंज, मैनपुरी और झांसी आदि सीटें शामिल है।

Rashtriya Ulama Council Ruc Bundelkhand प्रभारी मुबारक खान ने आगामी चुनाव मे पार्टी द्वारा ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी नही तो दावेदारी की बात की उन्होंने कहा की उनकी पार्टी गठबंधन को भी लेकर सक्रिय उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष Maulana Aamir Rashadi साहब लगातार बड़े दलो से सम्पर्क मे है जो भी समाजहित मे फैसला होगा उसे उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष जी औपचारिक रूप से समाज के सामने रखेंगे।

Hyderabad Vidhansabha 2023 में Aimim की गठबंधन पार्टी कर को चुनाव का हार का सामना करना पड़ा लेकिन वही Asaduddin Owaisi के नेतृत्व में लड़ रहे विधानसभा क्षेत्र 9 में से 7 में जीत मिली यानी उन्होंने अपने पार्टी का वर्चस्व कायम रखा और आपको बता दे उनकी पार्टी के दो सांसद भी हैं जो पहले खुद Hydrabad Loksabha Seat से सांसद Asaduddin Owaisi हैं और दूसरे तरफ Aurangabad Lok Sabha के सांसद Imtiaz Jaleel है।