बिहार में फिर पत्रकार की हत्या कर दी गई है, बदमाशों ने उनकी लाश को जलाकर हाई-वे के किनारे फेंक दिया

पटना: बिहार के मधुबनी जिले में एक गांव के बाहर से आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार बुद्धि नाथ झा उर्फ अविनाश झा (23) का शव मिला है। उरैन और पाली गांव के बीच बेनीपट्टी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में शुक्रवार रात मिला शव जली हुई हालत में था।

अविनाश का अपहरण कम से कम चार लोगों द्वारा 9 नवंबर को उनके लोहिया चौक में स्थित घर के पास बाजार से किया गया था।

 

पोस्टमार्टम करने के बाद पुलिस ने उसे परिवार वालों को सौंप दिया। इसके बाद अविनाश के भाई ने चंद्र शेखर ने एक एफआईआर दर्ज कराई है और आशंका जताई है कि उसकी हत्या गैरकानूनी तरीके से चल रहे हेल्थ केयर क्लीनिक के मालिकों ने कराई है।

अविनाश ने दरअसल इन गैरकानूनी तरीके से चल रहे अस्पतालों को लेकर कई रिपोर्ट किए थे।

 

परिजनों का कहना है कि इस हत्या के पीछे मेडिकल माफिया का हाथ हो सकता है क्योंकि झा ने कई गैर-कानूनी क्लीनिक के खिलाफ शिकायत दायर की थी, जिसके बाद उसमें से कुछ को बंद किया गया था और कुछ पर फाइन लगाया गया था।

 

बुद्धिनाथ मधुबनी के बेनीपट्टी के रहने वाले थे और एक हिंदी न्यूज पोर्टल बीएनएन न्यूज बेनीपट्टी से जुड़े थे। 

हत्या से पहले पत्रकार बुद्धिनाथ ने एक वीडियो बनाया था जिसमें वे फ़र्ज़ी क्लिनिक का ज़िक्र कर रहे हैं। इस वीडियो में वे बताते हैं कि उन्हें 12 जुलाई 2019 को गोली मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने इसमें आगे कहा कि वे लड़ते रहे है और लड़ते रहेंगे। बुद्धिनाथ की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई

 

बुद्धिनाथ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जिला के स्वास्थ्य अधिकारियों ने आठ निजी नर्सिंग होम की जांच की थी जो कथित तौर पर उचित लाइसेंस के बिना क्लिनिक चलाए जा रहे थे। इनमें से चार क्लीनिकों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

 

उन्होंने वर्ष 2019 में एक नर्सिंग होम खोला था जिसके चलते स्थानीय डॉक्टर नाराज थे। इसको लेकर उन्हें क्लीनिक बंद करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने इलाके में गैर कानूनी क्लीनिकों का पर्दाफाश करने का मन बना लिया और उन्होंने इस पर कई RTI लगाईं। इसके संबंध में उन्होंने संबंधित विभागों में शिकायतें दर्ज कराई थी। 

 

बुद्धिनाथ के भाई त्रिलोक झा के अनुसार निजी नर्सिंग होम के खिलाफ की गई कार्रवाई से इसके मालिक नाराज थे। इनके मालिकों ने कई बार उन्हें धमकी दी थी और शिकायत दर्ज कराने से रोकने पर पैसे की पेशकश भी की थी। 

ये बात भी सामने आई है कि अविनाश पिछले दो साल से गैरकानूनी तरीके से चल रहे कई हेल्थ केयर क्लीनिक के खिलाफ अभियान भी चला रहा था। अविनाश ने इस संबंध में कई RTI भी फाइल किए थे और सोशल मीडिया पर भी लगातार गैरकानूनी क्लीनिक, अस्पतालों आदि के खिलाफ लिखता रहा था।

 

By: Tanwi Mishra

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