Kanpur के Manish Gupta को Gorakhpur मैं हत्या करने वाले JN Singh, एनकाउंटर की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बने थे

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में जिस होटल के कमरे में मृतक कारोबारी Manish Gupta  ठहरे थे, उसकी तस्वीरें सामने आ गई हैं।

6 पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने मनीष गुप्ता की बुरी तरह से पिटाई थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। 

 

इकलौता चिराग 

मनीष गुप्ता की पत्नी Minakshi ने बताया कि 8 साल पहले वर्ष 2013 में उनकी शादी हुई थी। Manish Real estate business का काम करते थे। परिवार में बीमार ससुर के अलावा उनका 4 साल का एक बेटा अभिराज है। सास का पहले ही देहांत हो चुका है। Manish की तीन बहनें हैं, उनकी शादी हो चुकी है।

Minakshi ने बताया कि सोमवार देर रात में फोन पर बात के बाद लगा कि शायद सब कुछ ठीक हो गया होगा, लेकिन मंगलवार सुबह करीब 5 बजे फोन पर पता चला पति अब इस दुनिया में नहीं हैं। 

मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। 

पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। फिर, बुधवार की  देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की। इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।  

 

इससे पहले पति की हत्या में छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी अड़ी रहीं। पोस्टमार्टम के बाद परिवार के लोगों ने लाश लेने और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।

परिवारीजनों की मांग थी कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस नहीं दर्ज किया जाएगा,वे मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

डीएम-एसएसपी ने की मनाने की कोशिश लेकिन उनसे बात नहीं बन पाई। उधर, इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की नजर सुबह से ही थी।

बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने मीनाक्षी से बात की और सारी बातें सुनने के बाद परिवार को दस लाख की आर्थिक सहायता तथा एफआईआर का भरोसा दिया।  

 

ताजा जानकारी के अनुसार 

वही पोस्टमार्टम रिपोर्ट  आने के बाद ये भी पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया था, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। दाहिने हाथ की कलाई पर डंडा मारने का निशान भी है। 

हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था। आगे इस घटना क्रम में 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम सामने आ गए हैं।

इस मामले में रामगढ़ताल थाने के एसएचओ जगत नारायण सिंह के साथ अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया गया है।  

 

ये वही पुलिस कर्मी है जो इस जुर्म को अंजाम दिए, इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा,सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर राहुल दूबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव,कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल किया था। 

इंस्पेक्टर JN Singh पर गोरखपुर में कानपुर के मनीष गुप्ता को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। जेएन सिंह  पहले भी पिटाई से मौत और दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।

मनीष गुप्ता के मामले में हत्या का केस दर्ज होने के बाद पुरानी घटनाओं की भी जांच हो सकती है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पुराने मामलों में कोई आवेदन आता है तो जांच कराई जाएगी। अमित प्रेम सिंह एक नहीं तीन हत्याओं के जिम्मेदार है। 

 

एक साल में ही JN Singh पर तीसरी बार लगा है पीटकर मारने का आरोप। 

गोरखपुर जिले में लंबे समय से तैनात SSO JN Singh के कारनामों की लंबी लिस्ट है एनकाउंटर के शौकीन  माने जाते हैं। और उच्चाधिकारियों के चहेते होने के चलते अब तक वह बचते चले आए हैं।

पुलिस विभाग से जुड़े जानकारों के मुताबिक इंस्पेक्टर जेएन सिंह अपने एनकाउंटर की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचे हैं। एसटीएफ में रहने के दौरान भी उन्होंने 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है। 

 By : Tanvi Mishra 

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