नफरत जीत गई कलाकार हार गया तो क्या इसी की बात कर रहे थे, मोहन भागवत, साथ और विकास, विश्वास भी अधूरा है

मशहूर कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि उन्होंने बेंगलुरु कार्यक्रम के लिए 600 से अधिक टिकट बेचे थे धमकी और बर्बरता के कारण उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

 

बेंगलुरु पुलिस हस्तक्षेप करते हुए लॉ एन ऑर्डर का कारण बताकर शो को रद्द कर दिया। बेंगलुरु पुलिस तो आप फैसला भी करने लगी है उन्होंने तो मुनव्वर फारुकी स्टैंड अप कॉमेडियन को विवादित शख्स करार दिया अपने लिखे गए चिट्ठी पर जिसके वजह से शो को कैंसिल करना पड़ा।

 

इसी साल के शुरुआत मध्यप्रदेश में एक शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं पर कथित टिप्पणी की वजह से फारुकी को महीनों जेल में रहना पड़ा बाद में हाई कोर्ट के जमानत देने के बाद उनकी रिहाई हुई और उसके बाद वह अपना कोई प्रोग्राम नहीं कर पाए।

 

तो सवाल यह उठता है कि केंद्र में बीजेपी कि सरकार और बेंगलुरु में भी बीजेपी की सरकार जब 2019 में देश के दूसरी बार गैर कांग्रेसी पीएम नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि हमें सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास जीतना है ना तो 2014 से 19 के बीच कुछ जीत पाए और ना 19 से अब तक वरना देशmohan bhagwat के लोगों को हंसाने वाला कॉमेडी आज सोशल मीडिया के जरिए लिखना पड़ रहा है नफरत जीत गई और आर्टिस्ट हार गया।

 

बेंगलुरु पुलिस द्वारा लिखे गए आयोजक गुड शेफर्ड ऑडिटोरियम को पत्र में डोंगरी टू नोहर को उल्लेख करते हुए कहा कि वह एक विवादित व्यक्ति हैं बेंगलुरु में हिंदू जागरण समिति के मोहनगढ़ ने कहा वह इस शो को आयोजित नहीं करने देंगे और ऐसा हुआ भी।

 

मनोहर फारूकी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि हमने अब तक 12 शो को रद्द करना पड़ा धमकी के कारण के साथ मुझे यह कहना पड़ रहा है कि नफरत जीत गया और आर्टिस्ट हार गया।

 

बीते दिनों मोहन भागवत जो राष्ट्रीय सेवा संघ के अध्यक्ष है उसी की मेंबर है बीजेपी यानी भारतीय जनता पार्टी मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को अखंड बनाना होगा और उन्होंने यह तक कहा हिंदू के बिना भारत नहीं ठीक है उनकी अपनी निजी विचार हो सकती है पर क्या हिंदू और भारत को जोड़ने के बाद और उनके संघ को और बीजेपी को जोड़ने के बाद इस देश के आर्टिस्ट को अपना शो रद्द करना पड़े धमकी के वजह से तो क्या यही हिंदू और भारत की परिभाषा है शायद आप कहेंगे नहीं।

कभी भी आप आर एस एस के कार्यकर्ता से मिलिए गा, 2014 से पहले कभी मिले होंगे तो उन से पूछिए गा जो नए-नए जुड़े होते हैं वह कहते हैं कि देश की रक्षा के लिए r.s.s. बनाई गई है और अब पता चलता है कि मोहन भागवत जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक के अध्यक्ष कहते हैं r.s.s. कोई सैन्य संगठन नहीं परिवार का निर्माण करने वाली संस्था है।

कुछ महीने पहले संघ के अध्यक्ष मोहन भागवत कहते हैं कि मुसलमान के बगैर हिंदू अधूरा है उसके कुछ ही महीनों बाद इस तरह का बयान आना क्या मायने रखता है क्या यह उत्तर प्रदेश या आने वाले राज्य के चुनाव को देखते हुए दिया गया बयान है?

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