अलीगढ़, 12 जुलाईः दक्षिण एशिया संस्थान, हीडलबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी में उर्दू भाषा के शिक्षक डॉ एरियन हॉफ ने अलीगढ़ आंदोलन में धर्म और इस्लाम की अवधारणाओं और दक्षिण एशियाई इस्लाम के इतिहास के पर आनलाइन व्याख्यान दिया।
प्रो. एरियन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विदेशी भाषा विभाग के ‘इस्लाम का अनुवाद, धर्म का अनुवादः अलीगढ़ आंदोलन में धर्म और इस्लाम की अवधारणा’ विषय पर एक आमंत्रित ऑनलाइन को संबोधित कर रहे थे।
डॉ एरियन ने कहा कि धर्म को अक्सर एक स्पष्ट रूप से परिभाषित अवधारणा के रूप में माना जाता है। हालांकि, एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य इस समझ के बारे में सवाल उठाता है और धर्म को अन्य धर्मों के साथ संवाद की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक बड़ी अवधारणा के रूप में समझने की आवश्यकता है।
डॉ एरियन ने इस्लाम के एक धर्म के रूप में अनुवाद के साथ-साथ धर्म की अवधारणा के अनुकूलन के लिए प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया।
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ आंदोलन इसका एक उदाहरण है जहां इन बहसों में गहनता है।
डॉ एरियन ने सर सैयद अहमद खान, ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली और अलीगढ़ आंदोलन के अन्य विद्वानों के योगदान पर भी बात की।
ऑनलाइन वार्ता की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर जावेद इकबाल (डीन, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय) ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के साहित्य, भाषा, समाजशास्त्र और संस्कृति के क्षेत्र में दक्षिण एशिया संस्थान, हीडलबर्ग विश्वविद्यालय की भूमिका पर प्रकाश डाला।
सैयद सलमान अब्बास (सहायक प्रोफेसर जर्मन विदेशी भाषा विभाग) ने कहा कि ‘अलीगढ़ आंदोलन के संदर्भ में दक्षिण एशियाई इस्लाम’ पर डॉ एरियन के शोध की शुरुआत की।