Muzaffarnagar Khatauli Madarsa News दारुल उलूम सिद्दीकीया में एक साथ 11 बच्चे हुए हाफिज

दिनांक 13 फरवरी 2024 दिन मंगलवार को दारुल उलूम सिद्दीकिया खतौली मुजफ्फरनगर में सालाना इजलास ए आम व दस्तार बंदी का आयोजन किया गया जिसमे मुख्यरूप से उपस्थित रहे मौलाना हबीबुल्लाह मदनी जिला अध्यक्ष जमीयत उलेमा हिंद सहारनपुर यूपी इस आयोजन की अध्यक्षता पूर्व विधायक मौलाना जमील कासमी ने की.

इस अवसर पर भारी संख्या में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया आपको बता दें की इस तारीखी आयोजन ने एक तारीख रकम कर दी है. जी हां इस आयोजन का मुख्य आकर्षित केंद्र बच्चों की दस्तार बंदी रहा.

आपको बता दे की दारुल उलूम सिद्दीकिया यह वह वाहिद मदरसा है जिसमे एक साथ ग्यारह बच्चों ने कुर आन पाक को मुकम्मल हिफ्ज कर तारीख रकम कर दी है.

इस भव्य आयोजन को देख कर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला साथ ही साथ इस भव्य आयोजन में आए लोगों का दिल खुशी से गदगद दिखाई दिए.

इस अवसर पर वक्ताओं ने अपने अपने ढंग से हाफिज ए कुरआन के महत्व को लोगों के सामने रखा.

साथ ही साथ मुफ्ती अबु जनदल साहब ने यह भी बताया की इस्लाम को समझने और समझाने और आखिरत पर यक़ीन को मजबूत करने की बाते कही.

इसी के साथ मौलाना अली जौहर साहब ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा की मदरसों और मस्जिदों को आबाद ओ शादाब रखो.मदरसे में पढ़ने पढ़ाने वालों के साथ अच्छे ढंग से पेश आओ उनका पूरा ख्याल रखो.अगर यह लोग अगर इस से दूर हुए तो समझ लो की पूरी कौम और पूरा समाज गुमराही का शिकार हो जाएगा.

आयोजनों में बैठे लोगों को बेदार करने के लिए किसी शायर या किसी कवि की भी बेहद जरूरी हो जाता है.
इस के लिए मशहूर शायर करी फुरकान साहब पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने भी अपनी नज़्म के ज़रिए से लोगों में जबर्दस्त बेदारी पैदा करदी थी लोगों में हौसला बुलंद कर दिया था.

जेर ए निगरानी मौलाना मुकर्रम क़ासमी साहब कनवीनर इड़हाक कमेटी जमीयत उलेमा ए हिंद मुजफ्फरनगर

लेकिन! लेकिन! लेकिन!

किसी भी आयोजन को बखूबी चलाने के लिए एक संचालन करता का भी बहुत बड़ा रोल होता है पूरे मजमे को जोड़ने और उनका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है इस के लिए मुफ्ती शान मुहम्मद साहब को चुना गया जिन्होंने बहुत ही अच्छे ढंग से संचालन कर लोगों को जोड़े रखा.

सभी वक्ताओं के संबोधन के बाद मौलाना हबीब उल्लाह मदनी साहब वद्वारा सभी हाफिज बच्चों की दस्तार बंदी की गई ( पगड़ी बांधी गई)

आयोजन के बाद दुआ को भी बेहद महत्त्व माना जाता है.
अंत में मौलाना जमील साहब ने दुआ करा कर प्रोग्राम समाप्त किया। इस शुभ अवसर पर उपस्थित रहे.

मौलाना हबीबुल्लाह मदनी.
जमील अहमद क़ासमी.
मौलाना अली जौहर.
मुफ्ती शान मुहम्मद.
मौलाना इसराइल.
मौलाना इमरान कासमी.
कारी फुरकान.
कारी नाजिम.
व अन्य पूरा स्टाफ मौजूद रहा

News Writer: Abudarda Akram

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