दिल्ली– एनसीआर में पराली और पटाखे से धुंध खतरनाक स्तर पर, सांस लेना भी हुआ मुश्किल
शनिवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 533 पर पहुंच गया। जो पांच साल में दिवाली के अगले दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है।
Delhi– NCR red zone
दिवाली के अगले दिन दिल्ली-एनसीआर में धुंध की मोटी परत छाने और हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण लोगों को गले में खराश और आंखों से पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा। वही नोएडा में 24 घंटे का औसत AQI देश में सबसे ज्यादा 475 पर पहुंच गया। आज भी राजधानी में प्रदूषण से हाल बेहाल है।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई और यहां तक कि कनॉट प्लेस में हाल शुरू ‘स्मॉग टॉवर’ भी आसपास के निवासियों को सांस लेने योग्य हवा नहीं दे सका।
एक्सीडेंटल केस
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर अचानक ही अधिक कोहरा आने और अचानक ही बढ़े प्रदूषण के कारण देर रात आपस में करीब दर्जनों वाहन भिड़ गए। इसकी सूचना सड़क पर चलने वाले अन्य राहगीरों ने स्थानीय पुलिस को दी। सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने करीब दर्जनभर घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया इसके बाद हाईवे पर करीब 1 घंटे तक भीषण जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस और हाईवे पेट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मियों ने गाड़ियों को किनारे लगवाया।
Corona का कहर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आगाह करते हुए कहा कि प्रदूषण से कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हो सकती है। प्रदूषित क्षेत्रों में कोविड की गंभीरता काफी बढ़ जाती है। मरीजों के फेफड़ों में अधिक सूजन हो जाती है। जिससे कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा सिगरेट के धुएं से ज्यादा हानिकारक हो गई है। प्रदूषण के चलते लोगों का जीवनकाल भी काफी कम हो गया है। कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि दिल्ली के निवासियों की जीवन अवधि काफी कम हो गई है।
ऐसे में सभी को अपने स्वास्थ की सुरक्षा खुद करनी होगी, और छोटे बच्चो का भी ध्यान रखना होगा। जितना हो सके घर के अंदर ही रहे, और मास्क लगाना ना भूलें।
खुद की सुरक्षा तो सबकी सुरक्षा।
By: Tanwi Mishra
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