देश के हालात को सरकार ही नही बल्कि हमे̤ भी संभालने की जरुरत – एडवोकेट मुबारक खान

̤राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल बुंदेलखंड प्रभारी एडवोकेट मुबारक खान ने आज मणिपुर मे महिलाओ को निर्वस्त्र घुमाकर बलात्कार करने,महाराष्ट्र ट्रेन मे RPF जवान द्वारा प्रधानमंत्री मोदी जी और उप्र मुख्यमन्त्री योगी का नाम लेकर मुस्लिम यात्रिओ की निर्मम हत्या और नूह मेवात मे मौलाना साद की मस्जिद मे घुसकर मारपीट,तोड़फोड़ के बाद हत्या करने पर दुःखद जताते हुए सरकार का इन घटनाओ पर समुचित कार्यवाही से पीछे हटने पर निंदा प्रकट की।

उन्होंने कहा जिस तरह से मणिपुर,महाराष्ट्र और हरियाणा मेवात मे माहौल खराब हुआ है तो कही न कही सरकार की उदासीनता नजर आ रही है एक जाति धर्म विशेष को लगातार किसी न किसी मसलो मे उलझाकर देश की मूलभूत समस्याओ से सरकार जबाब देने से कतरा रही है जबकि आज जरूरत है की सरकार खुलकर बिना किसी भेदभाव के हिंसात्मक लोगो के खिलाफ कार्यवाही करे देश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को ठीक करे।*

राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल नेता मुबारक खान ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा की आज देश के हालात जिस तरह से खराब हो रहे है उसके लिए हम आप सबको समझने की जरूरत है इसे केवल सरकार अकेले कुछ नही कर पाएंगी क्योकि दिन प्रतिदिन सोशल मीडिया के जरिए लोगो को गुमराह कर वर्तमान हालातो से दूर रखा जा रहा है।

देश भर में हिंसात्मक हैवानियत और दरिन्दगी का माहौल बढ़ता जा रहा है।लोग दरिन्दगी की इस हद पर आ गए है की आपसी भाईचारे को खत्म कर दुश्मनी अपनाते जा रहे हैं इसलिए उसका इलाज ज़रूरी है मगर इसका इलाज सिर्फ सरकार और क़ानून से नहीं होगा बल्कि इंसानियत की भावना को जगाना होगा तभी इसका इलाज मुमकिन है तो चलो हम लोग इंसानीयत की भावना को जगाएं।

लेकिन सवाल है कैसे हम तमाम पढ़े लिखे सभ्य समाज के लोगो को आना होगा अराजकता फैलाने बाले कोई और नही हम सभी के अपने ही है कोई भाई तो कोई चाचा कोई भतीजा तो कोई भांजा जिसे हमे बुरा और हिंसनात्मक साथियो से बचाना होगा उन्हे बेहतर शिक्षा मार्गदर्शन की नींव मजबूत करने की जरूरत है और न भी माने तो उनके ऊपर सख्ती से भी पेश आने की आवश्यकता है हम अपने लाड़ प्यार मे कही उनके भविष्य को अन्धकारमय तो नही बना रहे है यह सोचने की जरूरत है। जैसे उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ भी करके पूरी करते है वैसे ही उनके भविष्य को बचाने के लिए कुछ भी करिए उन्हे सही दिशा मे लाने की जरूरत है।

हो सकता है कुछ लोग इस बात को पुरानी यादो या हमारे दादा परदादा के सामने हम लोग किस तरह रहते थे इसी तरह सोच रहे हो लेकिन हा आप सही सोच रहे क्योकि आज आवश्यकता है वरना वही आपके परिवार का सदस्य एक अपराधी के रूप मे पुलिस स्टेशन मे बैठा होगा और आप पुलिस स्टेशन के बाहर उनके छूटने के लिए दुआ कर रहे होगे या किसी नेता का इंतजार लेकिन कोई आपकी मदद को आगे न जायेगा यदि आ भी गया तो छूटने के बाद उसके भविष्य का क्या होगा सोचिए जरा।

एडवोकेट मुबारक खान ने मीडिया के जरिए अपनी बात रखते हुए अंत मे अपील करते हुए कहा कि यदि हमारी बात समझ आ रही है तो धर्म जाति से उठकर पहले सभ्य शिक्षित व्यक्तित्व का परिचय दे।देश को हिंसात्मक आग से बचाए बेहतर पुराने भारत का निर्माण करे।

रंग और नस्ल, जात और मज़हब जो भी हो आदमी से कमतर है।

इस हकीकत को तुम भी मेरी तरह मान जाओ तो कोई बात बने।

नफरतों के जहान में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं।

दूर रहना कोई कमाल नहीं पास आओ तो कोई बात बने।